नहीं देखना चाहिए किन्नर का अंतिम संस्कार
आज हम आपको किन्नरों के अंतिम संस्कार से जुडी ऐसी ही परम्परा के बारें में बता रहे है जिसके बारे में शायद ही आप जानते होगें। बैसे तो किन्नर हमेशा से ही समाज से अलग रहकर अपनी जिंदगी को जीते है लेकिन मरने के बाद भी ये लोग किन्नरो का अंतिम संस्कार आम लोगों से अलग करते है। किन्नर लोग रात के अंधेरे में अतिंम संस्कार की रस्में पूरी करते है। इसके बारे में कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति किन्नर का अंतिम संस्कार देख लेता है तो वो किन्नर फिर से किन्नर का ही जन्म लेता है।
जूते चप्पल से भी पीटते हैं डेड बॉडी को
किन्नर के अंतिम संस्कार के पहले सभी किन्नर मृत किन्नर की डेड बॉडी को जूते चप्पल से भी पीटते हैं। किन्नर ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो सके और वो इंसान दोबारा किन्नर के रूप में दोबारा जन्म न ले।