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रात के अधेरों में किया जाता है किन्नर का अंतिम संस्कार, नही देख सकता कोई इंसान, जाने होश उड़ा देने वाली वजह

अंतिम संस्कार में मौजूद सभी किन्नर मृत किन्नर की डेड बॉडी को पीटते हैं जूते चप्पल से

Dec 09, 2020 / 12:34 pm

Pratibha Tripathi

Kinnar's funeral

Kinnar’s funeral

नई दिल्ली। इस दुनिया में जितने प्रकार के लोग रहते है उतनी ही प्रकार की रिवाजे चलती आ रही है। जन्म से लेकर मृत्यु तक लोग अपने धर्म का पालन करते हुए अपने-अपने रीति-रिवाज निभाते आ रहे हैं। लेकिन हमारे बीच रहने वाले किन्नरों की एक अलग प्रकार की अनोखी प्रथा है। जो समाज से बिल्कुल ही अलग है। जिस तरह से हमारे समाज में इंसान के अतिंम समय में होने वाले क्रियाकलाप दिन के उजाले में समाज के बीच किए जाते है। लेकिन किन्नर के अंतिम संस्कार को हर किसी से छिपाकर रात के अंधरों में किया जाता है।

नहीं देखना चाहिए किन्नर का अंतिम संस्कार

आज हम आपको किन्नरों के अंतिम संस्कार से जुडी ऐसी ही परम्परा के बारें में बता रहे है जिसके बारे में शायद ही आप जानते होगें। बैसे तो किन्नर हमेशा से ही समाज से अलग रहकर अपनी जिंदगी को जीते है लेकिन मरने के बाद भी ये लोग किन्नरो का अंतिम संस्कार आम लोगों से अलग करते है। किन्नर लोग रात के अंधेरे में अतिंम संस्कार की रस्में पूरी करते है। इसके बारे में कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति किन्नर का अंतिम संस्कार देख लेता है तो वो किन्नर फिर से किन्नर का ही जन्म लेता है।

जूते चप्पल से भी पीटते हैं डेड बॉडी को

किन्नर के अंतिम संस्कार के पहले सभी किन्नर मृत किन्नर की डेड बॉडी को जूते चप्पल से भी पीटते हैं। किन्नर ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो सके और वो इंसान दोबारा किन्नर के रूप में दोबारा जन्म न ले।

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