यहां की घड़ी दाएं से बाईं ओर चलती है
वैसे तो दुनिया में जितनी भी घड़ियां चलती हैं, वो सब बायीं से दाईं और चलती हैं। बारह बजे के बाद सभी घड़ियों में एक बजता है, फिर दो और फिर तीन, लेकिन भारत के छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव है, जहां घड़ियां दाएं से बायीं और चलती हैं।
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यानी 12 के बाद 11 और फिर 10 और फिर 9 बजते हैं। जब से इस गांव में घड़ी आई है, तबसे सारी घड़ियां इसी तरह एंटी क्लॉकवाइज चलती हैं। गांव का नाम कोरबा है। यहां रह रहे आदिवासी शक्ति पीठ से जुड़े गोंड आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ये हमेशा से उलटी दिशा की घड़ी का इस्तेमाल करते हैं।
आदिवासियों की मानें तो उनकी घड़ी सही चलती है, जबकि दुनिया की बाकी घड़ियां गलत चलती हैं। समुदाय का कहना है कि धरती दाएं से बायीं दिशा में घूमती है. साथ ही चन्द्रमा से लेकर सूरज और तारे भी इसी दिशा में घूमते हैं। इसके अलावा तालाब में पड़ने वाला भंवर भी इसी दिशा में घूमता है। यही वजह है कि लोगों ने घड़ी की दिशा यही रखी है
समुदाय के लोग ना सिर्फ अपनी घड़ी को सही मानते हैं बल्कि उन्होंने अपनी घड़ी का खास नाम भी रखा है। ये नाम उनके समुदाय के नाम से जुड़ा है। इन्होंने घड़ी का नाम गोंडवाना टाइम रखा है।
गोंडवाना टाइम को फॉलो करने वाले एक समुदाय नहीं बल्कि कुल 30 समुदाय इस उलटी दिशा में चलने वाली घड़ी को फॉलो करते हैं।
आदिवासियों का कहना है कि प्रकृति का चक्र जिस दिशा में चलता है, उसी दिशा में उनकी घड़ी चलती है। आदिवासी समुदाय के ये लोग महुआ, परसा और अन्य पेड़ों की पूजा करते हैं।
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