पाचन एंजाइमों और पेट के एसिड में भी नहीं मरी
अमरीकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के मुताबिक बुजुर्ग का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने इसे दुर्लभ कोलोनोस्कोपिक खोज से जुड़ा मामला बताया, जिसमें जिंदा मक्खी पाचन तंत्र के अंतिम भाग तक गई। वह रह-रहकर उड़ रही थी। आशंका जताई गई कि लोग अनजाने में फलों या सब्जियों में मौजूद रहने वाले मक्खियों के अंडे या लार्वा का सेवन कर लेते हैं। ये पेट के एसिड में भी सर्वाइव कर लेते हैं और आंतों में पनपने लगते हैं।
यह था खान-पान
बुजुर्ग मरीज ने डॉक्टरों को बताया कि उसे नहीं पता कि जिंदा मक्खी उसके पेट में कैसे पहुंची। अस्पताल आने से पहले उसने सिर्फ स्वच्छ पेय पदार्थ लिया था। इससे दो दिन पहले पिज्जा और सलाद का सेवन किया था। इन पर कोई मक्खी नहीं उड़ रही थी।
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फल-सब्जियों का सेवन धोकर करें
मिसौरी यूनिवर्सिटी में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख मैथ्यू बेचटोल्ड का कहना है कि मक्खी बुजुर्ग के मुंह से शरीर में घुसी होगी। पाचन एंजाइमों और पेट के एसिड से मक्खी को मर जाना चाहिए था, लेकिन वह नहीं मरी। उसे डॉक्टरों को मारना पड़ा। बेचटोल्ड ने सलाह दी कि फल और सब्जियों को मक्खियों से दूर रखना चाहिए। खाने से पहले इन्हें अच्छी तरह धो लेना चाहिए।