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टीकमगढ़

कॉरिडोर बनने से पर्यटन के नक्शे पर आएंगे सूर्य मंदिर और जिले के किले-कोठियां

Tourists are unable to get out of Orchha

टीकमगढ़Sep 07, 2024 / 11:04 am

anil rawat

टीकमगढ़। मड़खेरा का सूर्य मंदिर।

टीकमगढ़। मड़खेरा का सूर्य मंदिर।

ओरछा से बाहर नहीं निकल पा रहे पर्यटक

टीकमगढ़. विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओरछा के बाद जिले में भी पुरातत्व और पर्यटन महत्व के कई स्मारक ऐसे है जो पर्यटकों के लिए खास आकर्षण हो सकते है, लेकिन पर्यटकों को ओरछा के आगे भेजने के लिए धरातल पर प्रयास न होने के कारण सालों से चली आ रही पर्यटन कॉरिडोर की योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है। यदि प्रशासन और पर्यटन विभाग इसके लिए संयुक्त प्रयास करें तो पर्यटन के साथ ही जिले में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
ओरछा में आने वाले पर्यटकों को टीकमगढ़ भेजने के लिए सालों से मांग की जा रही है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की सरकार बनने पर इसके लिए नमस्ते ओरछा महोत्सव का आयोजन कर तैयारियां शुरू की गई थी, लेकिन सरकार के जाते ही यह योजना फिर से ठंडे बस्ते में चली गई। उस समय तत्कालीन मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने बुंदेलखंड का पूरा पर्यटन सर्किल बनाते हुए कॉरिडोर बनाने की बात कही गई थी। योजना थी कि ओरछा में आने वाले पर्यटकों को टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ किले, मड़खेरा और उमरी के सूर्य मंदिर, शिवधाम कुण्डेश्वर और यहां पर स्थित पापट संग्रहालय के बाद बल्देवगढ़ का किलो घूमाते हुए छतरपुर और खजुराहो भेजा जाएगा। इसके लिए ओरछा में ही इन स्थानों के पुरातत्व और पर्यटन महत्व के स्मारकों के चित्र एवं उनकी जानकारी जगह-जगह स्थापित की जाएगी, ताकि पर्यटकों की नजर में यह आए और यह आगे बढ़े, लेकिन यह योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर सकी है।
यह करेंगे पर्यटकों को आकर्षित
सूर्य मंदिर: मड़खेरा और उमरी के सूर्य मंदिर 1 हजार साल पुराने बताए जाते है। यह मंदिर पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित भी है। पत्थर पर नक्काशी के साथ बनाए गए यह सुंदर मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हो सकते है। यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों की तर्ज पर बनाए गए है।
बल्देवगढ़ और मोहनगढ़ किला
वहीं बल्देवगढ़ और मोहनगढ़ का किला भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा। बल्देवगढ़ के किले में पड़ी ऐतिहासिक तोप भी खास आकर्षण हो सकती है। पहाड़ी पर निर्मित इस किले में तीन साल पहले पर्यटन विभाग द्वारा 1 करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य कराया गया था। पर्यटन विभाग इस किले को होटल टूरिज्म के रूप में बदलने का प्रयास कर रहा था, लेकिन यह योजना अधर में अटक गई। वहीं मोहनगढ़ की पहाड़ी पर बना ऐतिहासिक किलो भी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने वाला साबित होगा। इस किले के साथ ही भी कई ऐतिहासिक कहानियां जुड़ी हुई है। वहीं इसके अंदर बना विष्णु जी का मंदिर अपने आप में अनूठा है।
बढ़ेगा रोजगार
यदि ओरछा से पर्यटकों को टीकमगढ़ लाने का प्रयास किया जाता है तो यह जिले में रोजगार बढ़ाने वाला होगा। वर्तमान में जो पर्यटक दो से तीन ओरछा में रूक कर वापस चले जाते है, उन्हें टीकमगढ़ के स्मारक देखने के लिए कम से कम दो दिन का अतिरिक्त समय लगेगा। ऐसे में पर्यटन से जुड़े होटल, टैक्सी, भोजनालय सहित अन्य व्यापार को गति मिलेगी।
यह है कि ओरछा में आने वाले पर्यटकों की स्थिति
पिछले वर्ष ओरछा पहुंचे विदेशी पर्यटक- 4970
ओरछा पहुंचे देशी पर्यटक- 167832
ओरछा दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु- 433143

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