दरअसल आप रात को गहरी नींद में सो रहे होते हैं, तो अचानक आपको नींद में झटके लगने लगते हैं। ऐसा तब होता है, जब रात को आप नींद में सपना देख रहे होते हैं, कभी-कभी तो आप चिल्लाने भी लगते हैं। ऐसी अवस्था को हाईपेनिक जर्क कहा जाता है। एक रिसर्च की माने तो दुनिया भर में 70 प्रतिशत लोग ऐसी अवस्था को मेहसूस कर रहे होते हैं।
आपको बता दें कि आखिर हाईपेनिक जर्क होता क्या है। तो अब आप ये मत सोचे कि हाईपेनिक जर्क किसी तरह का रोग है या फिर कोई नर्वस सिस्टम डिस्ऑर्डर। दरअसल, सोने और जागने के बीच का समय हाईपोजेनिक स्टेज कहलाता है। आप खुद सोच नहीं पाते कि आप सो रहे है या जाग रहें हैं। यह एक तरह का दिमागी रिएक्शन है जिसमेें आपके दिमाग की नसों में संकुचन होता है जिसमें आप सम्भल भी नहीं पाते हैं। इसलिए आप नींद में जो भी देख रहे होते हैं उसे आप सच मानने लगते हैं इसी वजह से आप गिर पड़ते हैं या जोर-जोर से चिल्लाने भी लगते हैं।
अब आपको बता दें कि ऐसा इस लिए होता है। क्योंकि हाईपेनिक जर्क का मुख्य कारण तनाव चिंता व अवसाद है। पूरे दिन भाग दौड़ करने के बाद भी कई लोग देर रात तक टीवी व
गैजेट देखते व काम करते हैं, जिसकी वजह से दिमाग को सही तरीके से आराम नहीं मिल पाता है। मगर कुछ लोगों में ये डिस्ऑर्डर जेनेटिक्स भी होते हैं लेकिन आजकल यह समस्या दिमाग को पूरी तरह से आराम ना मिलने के कारण होता है। इसके अलावा नींद ना लेने, शराब पीना, सीगरेट पीना व कैफीन की ज्यादा मात्रा लेने से मासपेशियों में अकड़न, आयरन की कमी व कई बार उत्तेजित करने वाली वाली दवाईयों से भी होता है।