सनातन धर्म में तीसरी योनि किन्नर नाम से जानी जाती है। ये योनि शिव और शक्ति के मिलन का ही फल। किन्नरों में नैगेटिव ऊर्जा को निष्क्रिय करने की शक्ति ईश्वर ने प्रदान की हुई है। कलयुग में एकमात्र किन्नर ही हैं जिनके श्राप और वरदान फलित होते हैं इसलिए किन्नरों आशीर्वाद दोनों ही आपके जीवन में महत्व रखते हैं। बच्चे के जन्म पर किन्नर उसे आशीष देते हैं जो बहुत फलित होता है, किन्नर को नाराज करने से आपके बुरे दिन आ सकते हैं जो उन्हें निराश करता है उसे अर्श से फर्श पर आने में समय नहीं लगता।
किन्नर के आशीष में इतना असर होता है कि, वर्तमान और भविष्य सब बढ़िया जाता है। कहते हैं बुध और मंगल को प्रसन्न करने के लिए किन्नरों की सेवा बहुत शुभ मानी गई है। ज्योतिषियों के अनुसार, लंबे समय से रोग ग्रस्त व्यक्ति किन्नरों को हरे मूंग दान करते हैं तो बहुत शुभ होता है। कहते हैं, जिन लड़कियों के विवाह में अगर बाधा आती है तो उन्हें किन्नरों को हरे रंग की कांच की चूड़ियां दान करनी चाहिए इससे उसके विवाह के रास्ते खुल जाते हैं। जो लोग कारोबार की किसी भी समस्या से परेशान हैं। उन्हें किन्नरों को कौड़िया दान करनी चाहिए इससे जल्द ही उनके कारोबार में बढ़ोतरी होती है और कभी उनके जीवन में पैसों की कमी नहीं रहती।