अजब गजब

दिल्ली की इस जगह पर जाकर वापस लौटना है नामुमकिन, शाम होते ही पुलिस करती है यह काम

हम आपको दिल्ली के एक ऐसे भूतिया महल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आज भी लोग जाने से कतराते हैं।

Aug 16, 2018 / 05:18 pm

Arijita Sen

दिल्ली के इस जगह पर जाकर वापस लौटना है नामुमकिन, शाम होते ही पुलिस करती है यह काम

नई दिल्ली। भूत-प्रेत और आत्माओं का वाकई में अस्तित्व है या नहीं, इस बारे में बताना मुश्किल है। कुछ लोगों का इन पर विश्वास है तो वही कुछ ऐसी चीजों को महज अफवाह और भ्रम कहकर बात को टाल देते हैं। हालांकि समय-समय पर कई ऐसे किस्सों और कहानियों के बारे में सुना गया है जिससे आत्माओं के अस्तित्व में होने की बात पुख्ता हुई है।

आज हम आपको दिल्ली के एक ऐसे भूतिया महल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आज भी लोग जाने से कतराते हैं। इस महल का नाम’भूली भटियारी महल’है। तुगलक वंश के सूफी संत बल-अली-बक्थियारी के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया था।

 

भूली भटियारी महल

यह महल दिल्ली के करोल बाग में बग्गा लिंक से जाती हुई एक वीरान जंगल में स्थित है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यहां दिन ढलने के बाद किसी भी इंसान का जाना मना है। इसी वजह से भूली भटियारी महल के बाहर एक बोर्ड लगा हुआ है जिस पर लिखा है कि ‘सूर्यास्त के बाद यहां जाना मना है‘।

 

भूली भटियारी महल

इस महल के बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है कि तुगलक वंश के किसी एक राजा को अपनी रानी से बेहद प्यार था।

एकबार इस जगह पर शिकार के लिए आए इस राजा ने अपनी रानी को बेवफाई करते देख लिया। इसके बाद क्रोधित होकर शासक ने अपनी रानी को इस महल में जिंदगी भर भटकने के लिए छोड़ दिया।

यहीं भटकते-भटकते रानी की मौत हो गई। रानी की अतृप्त आत्मा तब से आज तक इसी महल में भटक रही हैं।

 

भूली भटियारी महल

यहां कई लोगों ने पैरानॉर्मल एक्टिविटीज और अलौकिक शक्तियों को महसूस किया है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि अगर रात के समय कोई महल के अंदर जाता है, तो उसका वापस लौटकर आना नामुमकिन है। वो वापस नहीं लौटता। दिल्ली पुलिस यहां किसी को जाने की अनुमति नहीं देती है। शाम होते ही महल की ओर जाने वाले रोड के मोड़ पर बैरिकेड्स लगा दी जाती है।

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