आज इस बात का खुलासा हम आपके सामने करने जा रहे हैं। दरअसल अकबर को किसी के सामने झुकना पसंद नहीं था। जब अकबर की बेटियां बड़ी हुई तब एक अन्य पिता की तरह उसे भी अपनी बेटियों की शादी चिंता सताई लेकिन अकबर को ये लगा कि बेटियों को शादी कराई तो उसे दूल्हें के पिता और दूल्हें के सामने झूकना पड़ेगा जो उसे कतई मंजूर नहीं था।
अपने और अपने बेटियों के मान-सम्मान को कायम रखने के लिए अकबर ने ये फैसला लिया। अपने पिता के इसी फैसले के चलते अकबर की बेटियां उम्र भर अपने पिता के महल में ही रही। अकबर की बेटियों के महल में पुरूषों का प्रवेश वर्जित था।
अपनी बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसने महल में किन्नर सेनाओं को तैनात किया था। अकबर की इस नीति का पालन उसके वंशज ने भी किया। उन्होंने भी आजीवन अपनी बेटियों को कुंवारी रखा। अकबर की इस नीति को आप एक पिता के प्यार के रूप में देख सकते हैं या फिर इसे उसका जिद कह सकते हैं जिसका खामियाजा उनकी बेटियों को भूगतना पड़ा।