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एट्रोसिटी एक्ट की दहशत में आत्महत्या, गर्माई राजनीति

मृतक के बच्चों का आरोप- जेल में सड़ाने की दी थी धमकी

विदिशाOct 22, 2018 / 05:46 pm

Krishna singh

Atrocity Act

विदिशा. एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई और जेल में सड़वाने की धमकी के बाद गजार मूंडरा निवासी एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या कर ली। इस मौत पर अब राजनीति गर्माने लगी है। सपाक्स संगठन के लोगों ने मृतक के घर पहुंचकर कहा है कि इस एक्ट के दुष्परिणाम आने लगे हैं।
 

19 अक्टूबर दशहरे की रात करीब 8 बजे गजार मूंडऱा निवासी 45 वर्षीय राजेन्द्र सिंह राजपूत का मामूली बात पर गजार के ही सुंदरसिंह अहिरवार से झगड़ा हो गया और बात मारपीट पर आ पहुंची। राजेन्द्र के पुत्र-पुत्रियों और परिजनों के मुताबिक सुन्दर सिंह जाते-जाते धमका गया था कि पुलिस को बुलवाता हूं और तुझे हरिजन एक्ट में बंद कराउंगा, अब सड़ते रहना जेल में। हरिजन एक्ट की धमकी से डरकर राजेन्द्र राजपूत ने अपनी बाखर में बने एक कमरे में जाकर पंखे से लटककर जान दे दी।
 

राजेन्द्र के पुत्र रवि, कपि ल और बेटी पायल के मुताबिक हम लोगों को पता भी नहीं था कि पापा ने फांसी लगा ली है। वे हमेशा की तरह अपने कमरे में चले गए थे, लेकिन झगड़े के करीब 30 मिनट बाद ही डायल-100 को लेकर सुन्दरसिंह आया। पुलिस सीधे उसी कमरे में पहुंची जहां पापा आराम करते थे। जैसे ही पुलिस वहां पहुंची, उसे पंखे पर तौलिया से लटकता हुआ राजेन्द्र राजपूत का शव मिला। यह देखकर घर में कोहराम मच गया। पुलिस और राजेन्द्र सिंह की पत्नी कैलाशबाई, पुत्र रवि और पुत्री पायल ने शव को उतारा और पुलिस गाड़ी में ही रखकर जिला अस्पताल लाए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उधर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच में ले लिया।
 

डरकर की आत्महत्या, हमें न्याय चाहिए
धीरज सिंह का कहना है कि हरिजन एक्ट में फंसाए जाने के डर से उनके जीजा ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। अब हमें न्याय चाहिए। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए। बताया गया कि मृतक राजेन्द्र सिंह 4 बीघा जमीन का किसान था। उसके दो पुत्र रवि और कपिल थे, जबकि दो पुत्रियों में से बड़ी पुत्री की शादी इसी साल हुई थी, छोटी पुत्री पायल है।
 

सपाक्स ने कहा आने लगे दुष्परिणाम
इधर, घटना की जानकारी लगने के बाद सपाक्स संगठन के संरक्षक राकेश शर्मा अपने साथियों के साथ मृतक के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। शर्मा ने मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा और पुत्र को शासकीय नौकरी की मांग प्रशासन से की है। शर्मा ने कहा कि जिस एट्रोसिटी एक्ट का विरोध सपाक्स करती आ रही है, उसके दुष्परिणाम भी आना शुरू हो गए हैं।
 

राजेन्द्र राजपूत के खिलाफ एट्रोसिटी या अन्य किसी एक्ट की तहत कोई प्रकरण दर्ज नहीं है न कोई ऐसी शिकायत मिली है। मृतक के सुंदरसिंह अहिरवार के साथ झगड़े की सूचना आई थी, जिस पर डायल 100 वहां गई थी। इसी दौरान राजेन्द्र राजपूत ने फंासी लगाई। पूरे मामले की पड़ताल कर रहे हैं।
-विनीत कपूर, एसपी, विदिशा

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