लेकिन, इस वर्ष सीजन शुरू होते ही 6000 रुपए से लेकर 7000 रूपए प्रति ट्रॉली तक में रेत बाजार में बेची जा रही है। जिससे गरीबों को अपने आशियाने बनाने में भी परेशानी आ रही है। कई गरीबों ने अपने भवन बनाना भी बंद कर दिया है। वह फिलहाल रेत और गिट्टी की दरों के कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
उतननकर्ताओं पर नहीं हो रही कार्रवाई
शहर के आसपास बेतवा नदी से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, सबसे अधिक रेत गमाखर से निकाली जा रही है। दिन का उजाला हो या रात्रि का अंधेरा, अधिकारियों से सांठ गांठ कर उत्खननकर्ता रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। लेकिन इन पर कोई भी कार्रवाई स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की जा रही है। क्योंकि वह सांठ गांठ के बाद ही उत्खनन कर रहे हैं।हिनोतिया से भी हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन
बासौदा तहसील व गमाखर ही नहीं विदिशा तहसील के ग्राम हिनोतिया से भी रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को भी है, लेकिन हिनोतिया में होने वाले अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। गमाखर और हिनोतिया की रेत शहर में बेची जा रही है। प्रशासन परिवहनक र्ताओं पर कार्रवाई कर वाहन जब्त कर लेता है, जुर्माना जमा होने के बाद भी वाहन नहीं छूट रहे हैं। उक्त मामले में जिला खनिज अधिकारी से संपर्क किया तो संपर्क नहीं हो सका।