कड़ी सुरक्षा के बीच भक्तों ने किया मां का पूजन भोर में 5 बजे मंगला बेला में देवी को दूध दही, घी, इत्र, गुलाबजल, गंगाजल आदि से माता का पंचामृत स्नान करा कर नूतन वस्त्र धारण कराया गया। फिर हुआ मां का भव्य शृंगार। इसके बाद देवी की आरती उतारी गई। देवी की आरती और पंचामृत लेने के लिए भक्तो में होड़ लगी गई। गोरखपुर की घटना के बाद अलर्ट घोषित होने से भक्तों को सघन जांच के बीच गुजरना पड़ा।
उधर दुर्गाकुंड स्थित माता कूष्मांडा के दर्शन के लिए भी सुबह से कतारे लग गई थीं। भोर में 4.30 बजे देवी का विधिवत पंचामृत स्नान हुआ दूध, धी, गुलाबजल, विविध प्रकार के इत्र गुलाबजल, केवड़ाजल, देशी चीनी पंचमेवा से देवी का अभिषेक किया गया। देवी की मंगला आरती में भक्तो का हुजूम उमड़ा रहा। पूरा परिसर देवी के जयघोष से गूंजता रहा। आरती के पश्चात भक्त पंचामृत और आरती लेकर निहाल हो गए।
कूष्मांडा मंदिर के आसपास मेले जैसा नजारा दर्शन पूजन का सिलसिला तक अनवरत जारी है। श्रधालुओं ने माता को शृंगार समाग्री, नारियल, चुनरी, गुलाब, अड़हुल , गुलाब, टेंगरी, टेंगरा के पुष्प की माला अर्पित की। इस मौके पर मंदिर परिसर की भव्य सजावट की गई थी। मंदिर परिसर के आसपास मेले सा महौल रहा।