scriptDev Deepawali 2024: पहली बार घर से बैठकर देख पाएंगे काशी की देव दिवाली, नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से बनेंगे इसके साक्षी | Varanasi dev deepawali 2024 will be live this year and will be dedicated to spirituality and patriotism | Patrika News
वाराणसी

Dev Deepawali 2024: पहली बार घर से बैठकर देख पाएंगे काशी की देव दिवाली, नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से बनेंगे इसके साक्षी

Dev Deepawali 2024: दीपों से जगमग होते घाट पर मां गंगा की आरती पहली बार लोग वेबसाइट पर पहली बार लाइव भी देख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से इसके साक्षी बनेंगे।

वाराणसीNov 13, 2024 / 10:45 am

Swati Tiwari

Dev Deepawali 2024: उत्तर प्रदेश में 15 नवंबर को काशी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की अलौकिक दृश्य को निहारने के लिए देश-विदेश से लाखों करोड़ों की संख्या में लोग जुटेंगे। इस बार जो लोग देव दिवाली के मौके पर काशी नहीं जा पाए वह घर पर बैठे-बैठे इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं। देश-विदेश में बैठे लोग अविस्मरणीय मां गंगा की आरती पहली बार लोग वेबसाइट पर भी देख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से इसके साक्षी बनेंगे।


पहली बार ऑनलाइन देख सकते हैं देव दिवाली

गंगा सेवा निधि की ओर से पहली बार देव दीपावली वेबसाइट पर दिखाई जाएगी और वेबसाइट का शुभारंभ 15 नवंबर को ही होगा। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। ऐसा पहली बार होगा जब आप घर पर बैठे-बैठे या विदेश में भी बैठकर इस खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं। वेबसाइट gangasevanidhi.in का शुभारंभ भी उसी दिन होगा। इस साल शौर्य रजत जयंती मनाई जा रही है। गंगा आरती के दौरान ‘एक संकल्प गंगा किनारे’ के तहत मां गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने, पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए एक साथ लाखों लोगों को संकल्प दिलाया जाएगा।
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84 घाटों को दीयों से सजाया जाएगा 

15 नवंबर के दिन 21 ब्राह्मणों द्वारा मां भगवती का वैदिक ऋतिक रिवाज से पूजन किया जाएगा। इसके बाद श्री राम जन्म योगी द्वारा शंखनाद,  दुर्गा चरण और 42 कन्याओं जो रिद्धि सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी अथवा विश्वनाथ जी के डमरू दल के 10 स्वयं सेवकों द्वारा मां भगवती की भव्य महाआरती आरंभ होगी। बता दें कि, इस साल कारगिल विजय दिवस को पूरे हो रहे 25 वर्ष के अवसर पर शौर्य की रजत जयंती के तौर पर भी मनाया जाएगा। इस दौरान वाराणसी के सभी 84 घाट को दीयों से सजाया जाएगा। 

क्यों मनाते हैं देव दिवाली? 

मान्यता है कि त्रिपुरासुर के अत्याचार से जब देवताओं को मुक्ति मिली थी तो उन्होंने भगवान शिव की नगरी काशी में आकर दीपोत्सव मनाया था और तब से यहां देव दिवाली मनाई जाती है। इस बार काशी की देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी।

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