तेज बहादुर यादव के समर्थकों पर कलेक्ट्रेट परिसर में आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है। नामांकन निरस्त हो जाने के तेज बहादुर यादव के समर्थकों ने कचहरी परिसर में धरना देने के साथ ही नारेबाजी की थी। अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन के कार्यकर्ता भी वहां पर मौजूद थे जिनकी प्रशासन के लोगों के साथ नोकझोक भी हुई थी। इसके बाद एडवोकेट कमलेश चन्द्र त्रिपाठी की तहरीर पर कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। कलेक्ट्रेट परिसर में नामांकन के दौरान वीडियोग्राफी करायी जा रही थी और सीसीटीवी भी लगा था जहां से वीडियो फुटेज मंगाये जा रहे हैं। वीडियो फुटेज के आधार पर तेज बहादुर यादव के खिलाफ धार बढ़ायी जा सकती है। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि धारा १४४ लागू हैं और कुछ लोगों ने नामांकन के दौरान धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की थी। साथ ही अधिक संख्या में भीड़ जमा की गयी थी इस आरोप में तेज बहादुर यादव व उनके सहयोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
यह भी पढ़े:-मिशन पूर्वांचल फतह करने में जुटे पीएम नरेन्द्र मोदी, शुरू हुआ ताबड़तोड़ चुनावी रैली का दौर तेज बहादुर यादव के साथियों की बढ़ सकती है मुश्किलतेज बहादुर के साथ उनके साथियों की भी मुश्किले बढ़ सकती है। चर्चा है कि तेज बहादुर के साथी फौजी वर्दी में आये थे। वीडियो फुटेज में इन चीजों को खंगाला जा रहा है यदि वर्दी के साथ आने की बात सही साबित होगी तो फजीहत बढऩा तय है। तेज बहादुर यादव ने पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी पर नामांकन निरस्त कराने का आरोप लगाया था और कहा था कि वह बहन शालिनी यादव का चुनाव प्रचार करेंगे। चुनाव तक वह बनारस में ही रहने वाले हैं।
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