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वाराणसी

संस्कृत पढऩे वाले छात्रों को TCS की बड़ी सौगात, ऐसे मिलेगा रोजगार

संस्कृत विश्वविद्यालयों की बैठक में किया गया निर्णय, देववाणी को सीधे रोजगार से जोडऩे की कवायद

वाराणसीOct 23, 2019 / 01:03 pm

Devesh Singh

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वाराणसी. संस्कृत पढऩे वाले छात्रों के लिए टाटा कन्सल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) ने बड़ी सौगात दी है। बेंगलुरु में टीसीएस के पूर्व उपाध्यक्ष श्रीराम दुरयी एवं वेंगु स्वामी रामस्वामी के साथ संस्कृत विश्वविद्यालयों की कुलपतियों की बैठक में छात्रों को रोजगार देने को लेकर निर्णय किया गया है। संस्कृत के छात्रों को तीन वर्षो तक कम्प्यूटर व अंग्रेजी की जानकारी दी जायेगी। इसके बाद टीसीएस एवं अन्य कंपनियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा में छात्रों को सफलता मिल जायेगी।
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IMAGE CREDIT: Patrika
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी प्रो.राजाराज शुक्ल ने बताया कि छात्रों को रोजगार देने के लिए टीसीएस के सामने प्रस्ताव रखा गया था। अन्य कुलपतियों ने भी संस्कृत को रोजगार से जोडऩे की वकालत की है। वीसी ने बताया कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को भी बैठक में रखा गया था। निर्णय किया गया कि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए टीसीएस द्वारा कम्प्यूटर से खास पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा। इससे परिसर में अध्ययन कर रहे छात्रों को रोजगार पाने में समस्या नहीं होगी। नये पाठ्यक्रम के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जायेगी। वीसी प्रो.राजाराम शुक्ल ने बताया कि संस्कृत के छात्रों को इंटरव्यू में दक्षता हासिल करने के लिए भी विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी। बैठक में ही संस्कृत हब ऐप का भी लोकार्पण किया गया है। ऐप के जरिए परिसर में अध्ययन की दृष्टि से बनाये गये कार्यक्रम अपलोड होंगे। ऐप के जरिए दुनिया में कही से भी छात्र अध्ययन व रोजगार से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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रोगजार की कमी के चलते परिसर की खाली रह जाती है सीटे
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना प्राच्य विद्या के संरक्षण व प्रसार के लिए की गयी है। देववाणी में रोजगार की कमी के चलते छात्रों का परिसर से मोह भंग होने लगा है। विश्वविद्यालय के अधिकांश विभागों की सीट खाली रह जाती है। यदि संस्कृत के छात्रों को रोजगार मिलेगा तो अध्ययन करने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में कुलपतियों के छात्रों को रोजगार से जोडऩे के कदम का बड़ा फायदा हो सकता है।
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