सरिता चौबे ने प्रार्थना पत्र देकर बलवंत सिंह मर्डर की फिर से जांच कराने व तत्कालीन एसएसपी आनंद कुलकर्णी के समय उनके सरकारी आवास पर बनाये गये स्वीमिंग पूल की जांच कराने की मांग की है। प्रारंभिक जानकारी में यह बात निकल कर सामने आयी है कि बलवंत सिंह जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी एसएसबी के ग्रुप पार्टनर थे उसी ग्रुप के एमडी राम गोपाल सिंह ने एसएसपी आवास पर 20 लाख मूल्य से स्विमिंग पूल का निर्माण कराया था। सरिता चौबे की माने तो रामगोपाल सिंह की कंपनी के नाम से नोएडा से एक स्विमिंग पूल के लिए सामान खरीदा गया था और मजदूरी का भुगतान कैश में हुआ था। कंपनी ने सीसीआर फंड के नाम से इस काम को करके दिया था। दावा किया जा रहा है कि इससे पहले कंपनी ने कभी स्विमिंग पूल नहीं बनाया था। एडीजी ने प्रार्थना पत्र के आधार पर एसएसपी को मामले की जांच का निर्देश दिया है इसके बाद ही पता चलेगा कि पत्र में कितनी सच्चाई थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि स्विमिंग पूल के बारे में बहुत सुना है लेकिन उसे देखा नहीं है। मामले की जांच करायी जायेगी। सरिता चौबे के आरोपों की भी पड़ताल होगी।
यह भी पढ़े:-बीजेपी से मिल रहा अखिलेश यादव को बड़ा मौका, पलट जायेगा समीकरण चर्चित मर्डर केस में नहीं मिला था सीसीटीवी फुटेजबलवंत सिंह चर्चित मर्डर कांड में पुलिस की जांच को लेकर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। पूर्व डीआईजी के बिल्डर बेटे बलवंत सिह 20 अक्टूबर की रात ग्रुप के एमडी रामगोपाल सिंह के आवास पर पार्टी मेें गये थे। पार्टी में ग्रुप के अन्य लोग भी उपस्थित थे। आरोप है कि बलवंत सिंह व पंकज चौबे में दिपावली पर गिफ्ट बांटने को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद पंकज चौबे ने फायरिंग की थी। आरोप है कि पंकज चौबे की गोली से ही बलवंत की मौत हुई थी। पास ही सीसीटीवी होने का दावा किया जा रहा था और बाद में उसकी फुटेज डिलीट करने की चर्चा थी उसकी रिकवरी का प्रयास किया था लेकिन अभी तक सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला है। आरोप यह भी लग रहे हैं कि गोली लगने के बाद वहां उपस्थित लोगों ने बलवंत सिंह को देर में अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल इस केस की क्या सच्चाई है यह तो जांच रिपोर्ट ही बतायेगी। इतना अवश्य है कि शिकायती पत्र के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ा है।
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