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पश्चिम बंगाल के इच्छापुर निवासी कौशिक कुमार प्रिंटिंग प्रेस का काम देखता था यही पर अशोक देव चौधरी भी नौकरी करता था। अशोक देव चौधरी ने प्रेस में कई फर्जीवाड़ा पकड़ा ाा जिसके चलते वह कौशिक कुमार का खास बन गया था। सूत्रों की माने तो कौशिक कुमार अक्सर बंद लिफाफे में कोई कागजात अशोक देव को देता था जिसे उसे बताये गये स्थान पर पहुंचाना होता था। बनारस में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर लाकर सॉल्वर को देना था। पेपर लेने से पहले ही सॉल्वर भाग गया था। इसके बाद कौशिक ने लिफाफा खुलवाकर अशोक देव पर पेपर सॉल्व करने का दबाव बनाया था जिसके लिए अशोक तैयार नहीं हुआ। अशोक को लाखों रुपये का लालच भी दिया गया था इसके बाद अशोक लिफाफा खोलने के लिए तैयार हुआ। अशोक ने खुद को बचाने के लिए पेपर जलाने से पहले की सारी प्रक्रिया का वीडियो भी बना लिया था जो अब महत्वपूर्ण साक्ष्य बन सकता है।
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अशोक देव ने पेपर लीक प्रकरण की शिकायत कोलकाता पुलिस से की थी लेकिन वहां की पुलिस ने शिकाय पर गंभीरता नहीं दिखायी। इसके बाद एसटीएफ को इस मामले की जानकारी मिले। एसटीएफ ने सबसे पहले चोलापुर से कौशिक को गिरफ्तार किया। इसके बाद पूछताछ के आधार पर क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज जाकर परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को पहले हिरासत में लिया इसके बाद गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। जेल जाने से पहले अंजू कटियार ने खुद को निर्दोष बताया था और कहा था कि 20 साल की सेवा में कभी उसके उपर आरोप नहीं लगे थे। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
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