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वाराणसी

प्रिंटिंग प्रेस के मालिक व UPPSC की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार से आमने-सामने की जायेगी पूछताछ

एसआईटी ने आयोग के अध्यक्ष से 12 सवालों का मांगा जवाब, परीक्षा नियंत्रक की जमानत पर 6 को होनी है सुनवाई

वाराणसीJun 03, 2019 / 12:17 pm

Devesh Singh

Anju Katiyar

Anju Katiyar

वाराणसी. एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के प्रकरण की जांच तेज हो गयी है। एसएसपी आनंद कुलकर्णी द्वारा गठित एसआईटी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष से 12 सवालों का जवाब दो दिन में देने को कहा है। इसके अतिरिक्त पुलिस अब प्रश्र पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक व यूपीपीएससी की गिरफ्तार परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार की कस्टडी रिमांड लेकर आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की तैयारी की गयी है।
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एलटी शिक्षक भर्ती प्रश्न पत्र लीक प्रकरण पर लेकर अब राजनीति भी तेज हो गयी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे सपा सरकार का पाप बताया है जबकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दोषियों को बर्खास्त करने की मांग की है। पुलिस के लिए इस मामले की तह तक जाना आसान नहीं है इसलिए एसआईटी का गठन करना पड़ा है। पुलिस ने परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को पर्चा लीक करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और अब उनके खिलाफ प्रमाण जुटाये जा रहे हैं। इसी मामले में एक अहम गवाह अशोक देव चौधरी का कोर्ट में कलमबद्ध बयान हो चुका है जबकि परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की जमानत याचिका पर ६ जून को सुनवाई होनी है। ऐसे में एसआईटी को जमानत पर सुनवाई से पहले और प्रमाण अदालत को देना होगा। एसआईटी ने पुख्ता सबूत जुटाने के लिए लोकसेवा आयोग से गोपनीय दस्तावेज मांगे हैं। सूत्रों की माने तो आयोग के अध्यक्ष से पूछा गया है कि यूपीपीएससी की परीक्षा का पेपर किसके निर्देश पर कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस से छापने के लिए भेजा गया था। परीक्षा नियंत्रक ने यह निर्णय लिया था या अन्य अधिकारी भी इस निर्णय में शामिल थे। दो दिन में जवाब मिल जाने के बाद ही एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी।
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बंद लिफाफे में किसे कागज भेजवाता था कौशिक कुमार
पश्चिम बंगाल के इच्छापुर निवासी कौशिक कुमार प्रिंटिंग प्रेस का काम देखता था यही पर अशोक देव चौधरी भी नौकरी करता था। अशोक देव चौधरी ने प्रेस में कई फर्जीवाड़ा पकड़ा ाा जिसके चलते वह कौशिक कुमार का खास बन गया था। सूत्रों की माने तो कौशिक कुमार अक्सर बंद लिफाफे में कोई कागजात अशोक देव को देता था जिसे उसे बताये गये स्थान पर पहुंचाना होता था। बनारस में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर लाकर सॉल्वर को देना था। पेपर लेने से पहले ही सॉल्वर भाग गया था। इसके बाद कौशिक ने लिफाफा खुलवाकर अशोक देव पर पेपर सॉल्व करने का दबाव बनाया था जिसके लिए अशोक तैयार नहीं हुआ। अशोक को लाखों रुपये का लालच भी दिया गया था इसके बाद अशोक लिफाफा खोलने के लिए तैयार हुआ। अशोक ने खुद को बचाने के लिए पेपर जलाने से पहले की सारी प्रक्रिया का वीडियो भी बना लिया था जो अब महत्वपूर्ण साक्ष्य बन सकता है।
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कोलकाता पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया
अशोक देव ने पेपर लीक प्रकरण की शिकायत कोलकाता पुलिस से की थी लेकिन वहां की पुलिस ने शिकाय पर गंभीरता नहीं दिखायी। इसके बाद एसटीएफ को इस मामले की जानकारी मिले। एसटीएफ ने सबसे पहले चोलापुर से कौशिक को गिरफ्तार किया। इसके बाद पूछताछ के आधार पर क्राइम ब्रांच ने प्रयागराज जाकर परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को पहले हिरासत में लिया इसके बाद गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। जेल जाने से पहले अंजू कटियार ने खुद को निर्दोष बताया था और कहा था कि 20 साल की सेवा में कभी उसके उपर आरोप नहीं लगे थे। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
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