मनीआर्डर से मिली दानराशि में घोटाला बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को कई तरह से दान मिलता है। इसमें कुछ ऐसे भक्त भी हैं जो मनीआर्डर के रूप में दानराशि भेजते हैं। इस दान राशि में ही घोटाले की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक आरंभिक तौर पर डेढ़ लाख रुपये के घोटाला सामने आया है। इसके तहत ही मंदिर प्रशासन ने पिछले 10 साल में विभिन्न तरीके से मंदिर के दान की जांच कराई जाएगी। मंदिर प्रशासन को आशंका है कि जांच में और बड़ी राशि के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।
हाल ही में मंदिर प्रशासन ने साल भर में मिली दानराशि की जांच कराई थी मंदिर प्रशासन पिछले महीने ही मंदिर को अलग-अलग तरह से मिली दानराशि की जांच कराई थी। ये जांच मार्च 2021 से जून 2022 के दौरान मिली दानराशि की हुई थी। उस जांच में ही पता चला कि मंदिर को मनीआर्डर के जरिए चार लाख, 16 हजार, 301 रुपये की दानराशि मनीआर्डर से प्राप्त हुई। ये दानराशि मुख्य कार्यपालक अधिकारी और न्यास परिषद के नाम से प्राप्त हुई। लेकिन मंदिर कोष में महज दो लाख, 66 हजार, 795 रुपये ही जमा हुए। शेष एक लाख, 49 हजार, 506 रुपये का कोई रिकार्ड नहीं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस राशि का गबन किया गया है। ऐसे में फिलहाल मंदिर प्रशासन ने कंप्यूटर सहायक के खिलाफ चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इतनी बड़ी राशि के घालमेल का मामला सामने आने बाद मंदिर प्रशासन पिछले 10 साल में मनीआर्डर से मिली दानराशि जांच कराने का निर्णय लिया है।
आरोपी भूमिगत
इस बीच जिस कंप्यूटर सहायक पर घोटाले का आरोप लगा है उसका कहीं अता-पता नहीं चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। हालांकि उसे मंदिर प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि मंदिर को मिलने वाले चढावे में घोटाले की जांच चल रही है। ये अभी आगे भी जारी रहेगी।