सावन-2022: बम-बम बोल रही है काशी, चारों तरफ जयकारे की गूंज, रात से ही लगी लंबी कतार
भोले की नगरी में सावन का पहला सोमवार आज। धर्म की नगरी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब। काशी में लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु। बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए भीड़। देश-विदेशों से सावन के मौके पर पहुंच रहे श्रद्धालु। बाबा श्री काशी विश्वनाथ के उद्घोष से गूंज उठी काशी नगरी। 6 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आने का है अनुमान। सुरक्षा की दृष्टि से किए गए हैं कड़े इंतजाम।
वाराणसी. सावन 2022. का पहला सोमवार। दो साल कोरोना की महामारी के बाद इस बार भूत भावन शंकर की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ का पूजन करने का मौका मिला है। ऐसे में श्री काशी विश्वनाथ की नगरी बम-बम बोल रही है। चारों तरफ जयकारे लग रहे हैं। ऐसा नहीं कि केवल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ही भक्तों की भीड़ है। बल्कि काशी के हर शिवालय में भक्तों का सैलाब उमड़ा है। वहीं बाबा विश्वनाथ के दरबार में सोमवार को तड़के मंगला आरती के बाद जैसे ही बाबा का पट भक्तों के झांकी दर्शन के लिए खुला, विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह से गंगा तट तक का इलाका हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा।
श्रद्धालुओं के कल्याण के लिए स्वरूप दर्शन महादेव की नगरी काशी में सावन के प्रत्येक सोमवार को उनके अलग-अलग स्वरूप में शृंगार की मान्यता है। लिंगपुराण के अनुसार, शिव का प्रथम प्राकट्य ज्योतिर्लिंग रूप में हुआ है। लिहाजा सावन के पहले सोमवार को महादेव अपने भक्तों के कल्याण के लिए मानव रूप में विराजमान होकर दर्शन देंगे। शाम की आरती (8:30 बजे) के बाद दो घंटे के लिए बाबा के शिवलिंग के ऊपर मुखौटा लगा कर बाबा का शृंगार किया जाएगा। वहीं सावन के दूसरे सोमवार को शिव-शक्ति स्वरूप में, तीसरे सोमवार को अर्धनारीश्वर स्वरूप में और चौथे सोमवार को रुद्राक्ष शृंगार की मान्यता है। ऐसा काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी का कहना है।
भक्तों के लिए बिछाए गए हैं रेड कार्पेट, 6 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान आदि देव विश्वेश्वर के प्रिय माह सावन के पहले सोमवार को द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए रविवार की रात से ही लंबी कतार लग चुकी थी। प्रशासन ने भी भक्तों की सुविधा और सहूलियत का पूरा खयाल रखा है। स्टील रॉड से बैरिकेडिंग की गई है तो जमीन पर रेड कार्पेट बिछाया गया है। ऐेसे में भक्तजन गंगा स्नान के बाद मां गंगा का पवित्र जल लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि आज बाबा विश्वनाथ के दरबार में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शीश नवाने आएंगे।
सावन में पहली बार गंगा द्वार से प्रवेश ये पहला सावन है जब श्रद्धालु ललिता घाट पर गंगा स्नान कर जलाभिषेक के लिए बाबा विश्वनाथ के दरबार में सीधे पहुंच रहे हैं। लोकार्पण के बाद ये पहला सोमवार है और भक्त इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं।
दूर दराज से आए भक्त स्वर्णमयी गर्भगृह को देख भाव विभोर ये भी पहला मौका है श्रद्धालुओं के लिए जब उन्हें बाबा के स्वर्णमयी गर्भगृह का दर्शन हो रहा है। भले ही वो गर्भगृह के अंदर प्रवेश न कर पा रहे हो पर बाहर की दीवारें भी सूर्य की लालिमा के बीच दमक रही हैं।
चप्पे-चप्पे पर ड्रोन कैमरे से निगरानी बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश खुद सुबह से ही गोदौलिया क्षेत्र में मौजूद हैं। कड़ी निगरानी में रहने वाले विश्वनाथ धाम के बाहर 1200 से ज्यादा पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।
महिला पुलिसकर्मियां भी तैनात दशाश्वमेध घाट से विश्वनाथ धाम तक 250 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़े में तैनात किए गए हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के 25 कमांडो तैनात किए गए हैं।गंगा में निगरानी के लिए NDRF की 11वीं बटालियन के जवान, जल पुलिस और पीएसी बाढ़ राहत दल की एक कंपनी तैनात की गई है। विश्वनाथ धाम की ओर आने वाले प्रमुख मार्गों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है।
सावन के पहले सोमवार के लिए ट्रैफिक प्लान सावन के पहले सोमवार के लिए मैदागिन से गोदौलिया होते हुए रामापुरा और इसी प्रकार रामापुरा, गोदौलिया से मैदागिन तक संपूर्ण मंदिर मार्ग सावन के प्रत्येक रविवार की रात 8 बजे से मंगलवार की सुबह 8 बजे तक नो-व्हीकल जोन घोषित किया किया गया है। इसके तहत मैदागिन से गोदौलिया, रामापुरा तक और रामापुरा से गोदौलिया होकर मैदागिन तक किसी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन को नहीं जाने दिया जाएगा। यह मार्ग केवल पैदल यात्रियों के आने-जाने के लिए खुला रहेगा।
श्रद्धालुओ के सैलाब के मद्देनजर रूट डायवर्जन मैदागिन से चौक होते हुए गोदौलिया की तरफ जाने वाले वाहनों को मैदागिन से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक मैदागिन चौराहे से लहुराबीर, मलदहिया की ओर और लहुराबीर से बेनियाबाग की तरफ भेजा जाएगा।
लक्सा की तरफ से आने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को लक्सा थाने से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक गुरुबाग से कमच्छा की ओर और लक्सा से बेनिया की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
लहुराबीर से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को बेनिया तिराहे से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक बेनियाबाग वाया औरंगाबाद पुलिस चौकी से लक्सा की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
अस्सी, सोनारपुरा से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार के वाहनों को सोनारपुरा चौराहे से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। यह ट्रैफिक भेलूपुर थाने की तरफ मोड़ दिया जाएगा। भेलूपुर थाने से रेवड़ी तालाब होकर रामापुरा चौराहे की तरफ जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों को तिलभांडेश्वर से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। इन वाहनों को अस्सी तथा भेलूपुर की तरफ मोड़ दिया जाएगा।
बाबा दरबार में जाने से पूर्व रखें इन बातों का खयाल -इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर दर्शन करने न जाएं। -ज्वलनशील पदार्थ, माचिस और प्लास्टिक जैसी सामग्री साथ न ले जाएं। -कोई भी लावारिस सामग्री देखें, तो तत्काल पुलिस को बताएं। -मंदिर परिसर में संवेदनशील स्थानों की ओर न जाएं। -अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें और उन्हें निर्धारित लॉकर में ही रखें। -दर्शन से पहले गंगा में स्नान करने के दौरान गहराई में न जाएं।
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