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मतदान के दिन एबीवीपी के साथ संघ के कार्यकर्ता बूथों पर जुटे रहेंगे। वोटरों की सूची के आधार पर पता किया जायेगा कि किसने वोट नहीं डाला है। ऐसे लोगों को दोपहर तक इंतजार किया जायेगा। इसके बाद भी नहीं आते हैं तो उनके घर जाकर वोट डालने के लिए प्रेरित किया जायेगा। बीजेपी का मानना है कि जब भी वोट प्रतिशत बढ़ता है तो उसका सीधा फायदा बीजेपी को होता है। चुनावी दृष्टिकोण से बनारस संसदीय सीट की बात की जाये तो यहां पर त्रिकोणिय लड़ाई होने की संभावना है। बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी को प्रत्याशी बनाया है जबकि राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस से पांच बार के विधायक अजय राय, अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन से शालिनी यादव चुनावी मैदान में है।
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बनारस में वर्ष 2014में सबसे अधिक मतदान हुआ था। कुल 58.35 प्रतिशत वोटरों ने वोट डाला था। इसके पहले तीन चुनाव तक यही मतदान प्रतिशत ४० से ४५ के आस-पास था। मतदान प्रतिशत बढऩे का सबसे अधिक फायदा पीएम नरेन्द्र मोदी को हुआ था और उन्होंने आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 3.50 लाख से अधिक मतों से चुनाव हराया था। बीजेपी ने इस बार वोट प्रतिशत बढ़ा कर पीएम नरेन्द्र मोदी को ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाने का सपना देखा है यह सपना टूट जाता है या पूरा होता है इसका खुलासा २३ मई को होगा।
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