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नितेश सिंह तहसील आये थे और कुछ काम करके अपनी कार में बैठ रहे थे इसी बीच शूटरों ने ताबड़तोड़ गोली चला कर उनकी हत्या कर दी थी। गोली मारने के बाद शूटर तुरंत चले गये थे और कुछ दूरी पर जाने के बाद फिर वापस आये थे। शूटरों को लगा था कि नितेश की जान अभी नहीं गयी है इसलिए वापस आकर फिर से गोली मारी थी और असलहा लहराते हुए फरार हो गये थे। शूटरों ने जिस बेखौफ ढंग से घटना को अंजाम दिया था उसके पुलिस ने चुनौती मानी थी। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने सारनाथ थाना प्रभारी को तुरंत निलंबित कर दिया था। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ पुलिस की कई टीमे लगायी गयी थी लेकिन कातिल अभी तक कानून के शिकंजे में नहीं आ सके हैं।
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बागपत की जेल में सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी की हत्या से ही पूर्वांचल में गैंगवार की पटकथा तैयार हो गयी थी। इसके बाद नितेश सिंह की हत्या को भी कुछ लोग इसी कड़ी से जोड़ कर देख रहे हैं जबकि अन्य लोगों का मानना है कि बस संचालक का मर्डर कर मुन्ना बजरंगी की मौत का बदला लिया गया है। जौनपुर के एक बाहुबली नेता, लखनऊ के एक बाहुबली का नाम भी इस घटना से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल पुलिस के पास अभी तक हत्या के सही कारण की जानकारी नहीं हो पायी है ऐसे में शूटरों की पहचान करना दूर की कौड़ी है।
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