मिथलेश यादव ने कहा कि उनके पिता ने खून का रिश्ता बनाना सिखाया था और उन्ही की सीख पर चलते हुए यह नेक काम किया है। मिथलेश ने बताया कि जब उन्हें सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि कैंसर पीडि़त बच्ची को खून की तुरंत जरूरत है तो अपने दोस्त को बीएचयू भेज कर बच्ची को खून देने के लिए पर्ची मंगायी। इसके बाद उसी पर्ची के सहारे आईएमए में खून देकर बच्ची को बल्ड की व्यवस्था करायी। मिथलेश यादव ने बताया कि उनके पिता राम चन्द्र चौधरी सेना से रिटायर हो चुके हैं वह हमेशा कहते थे कि दूसरों की मदद जरूर करनी चाहिए। मैंने उनकी दिखायी राह पर चलते हुए कैंसर पीडि़त बच्ची की मदद की है जिसकी मुझे बहुत खुशी हो रही है। बच्ची को ओ निगेटिव बल्ड की जरूरत थी और आईएमए के नियमानुसार उसे ही खून दिया जाता है तो बदले में ब्लड डोनेट करता है। मिथलेश पुलिस की नौकरी के साथ पढ़ाई में भी बहुत मेधावी है। आईएएस परीक्षा २०१३-१४ में मेंस तक पहुंचे थे और इस समय पीसीएस की तैयारी भी कर रहे हैं। मिथलेश ने जिस बच्ची को ब्लड दिया है वह तीन साल की है। बलिया निवासी बच्ची कैंसर से पीडि़त है, जिसका बीएचयू में इलाज चल रहा है।
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