कौन है अजय राय ? अजय राय उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के भूमिहार परिवार से हैं। पूर्वांचल के बनारस, गाजीपुर, मऊ और बलिया क्षेत्रों के राजनीति पर भूमिहार परिवारों का प्रभाव रहा है। अजय राय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और भारतीय जनता युवा मोर्चा से की।
सीपीआई एम (CPI – M) के 8 बार विधायक रहे उदल को हराकर अजय राय पहली बार 1996 में विधायक बने। 1996 से 2007 तक वाराणसी की कोलअसला विधानसभा सीट से अजय राय तीन बार बीजेपी के विधायक रहे। वे भाजपा और बसपा की मिली-जुली सरकार में राज्य मंत्री भी थे।
2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से डॉ मुरली मनोहर जोशी को टिकट मिलने से अजय राय नाराज हुए। सपा के टिकट पर चुनाव में उतरे और हार का सामना करना पड़ा। साल 2009 में विधानसभा उपचुनाव में कोलअसला सीट से उतरे और जीतने में कामयाब रहे।
साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पिंडरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ें। अजय राय को केवल 75 हजार वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे। उनकी जमानत जब्त हुई।
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पिंडरा सीट से अजय राय को बीजेपी के अवधेश सिंह से करारी शिकस्त खानी पड़ी। 2019 के आम चुनाव में एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार बनें। 1 लाख 52 हजार वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहें।
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पिंडरा सीट से चुनाव लड़ें। लेकिन एक बार फिर से बीजेपी कैंडिडेट डॉ. अवधेश सिंह से शिकस्त खानी पड़ी। तब अजय राय को करीब 21 प्रतिशत वोट मिले थे।
साल 2023 के अगस्त महीने में कांग्रेस पार्टी ने अजय राय को उत्तर प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अजय राय को तीसरी बार पीएम मोदी के सामने उम्मीदवार बनाया है।
बनारस से नहीं मिला टिकट तो कर दी बीजेपी से बगावत साल 2009 की लोकसभा चुनाव में डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद सीट छोड़ बनारस से संसदीय चुनाव लड़ना चाहते थे। इस बात से अजय राय नाराज हो गए और उन्होंने भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए। लेकिन उन्हें उस चुनाव में कामयाबी हासिल नहीं हो सकी।