महाकुंभ में भीड़ को प्रबंधित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़ नियंत्रण के लिए कई पहल की। इनमें ‘भुला-भटका’ शिविर, पुलिस सहायता केंद्र और मेले के लिए विशेष रूप से निर्मित निगरानी टावरों पर कर्मियों की तैनाती शामिल है। इन शिविरों में खोई हुई महिलाओं और बच्चों के लिए समर्पित अनुभाग हैं। इसके साथ ही डिजिटल उपकरणों और सोशल मीडिया सहायता से सुसज्जित ‘खोया-पाया’ (खोया और पाया) केंद्र भी हैं।
लाउडस्पीकर से की जा रही नामों की घोषणा
घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकरों से लगातार बिछड़े लोगों के नाम की घोषणा की जा रही है जिससे उनको मिलने में आसानी हो रही है। पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मी मौके पर तीर्थयात्रियों की सहायता कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान के मुताबिक महाकुंभ मेले में 26 फरवरी तक 40 से 45 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है।