29 अप्रैल को पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा की वाराणसी के मेडविन अस्पताल इलाज के दौरान मौत हो गई। छोटी बेटी डाॅ. नम्रता मिश्रा ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की और जांच की मांग की। जांच के लिये जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने पांच सदस्यी मेडिकल बोर्ड बनाया। बोर्ड ने इलाज से संबंधित सभी कागजात का बारीकी से मूल्यांकन कर दोनों पक्षों से बातकर उनका बयान लिया। बोर्ड ने सीएमआे को जो 15 पेज की रिपोर्ट सौंपी उसमें अस्प्ताल को सीधे-सीधे क्लीन चिट दी गई। बोर्ड की जांच में न ही इलाज में लापरवाही और न तो अस्पताल में व्यवस्था में किसी तरह की कमी पायी।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि आम तौर पर तीन सदस्यी मेडिकल बोर्ड गठित किया जाता है, लेकिन इस मामले में पांच डाॅक्टरों की टीम से जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि इलाज प्रोटोकाॅल के तहत हुआ और किसी तरह की लापरवाही नहीं मिली। क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत जांच के बाद अस्पताल को दोषी नहीं पाया गया। जांच रिपोर्ट की एक काॅपी भी पं. छन्नूलाल मिश्रा को मुहैया करा दी गई है और पुलिस कमिश्नर को भी एक काॅपी दी गई है।
उधर जांच में अस्पताल को क्लीन चिट दिये जाने से पं. छन्नूलाल मिश्रा का परिवार संतुष्ट नहीं। छोटी बेटी डाॅ. नम्रता मिश्रा ने कहा कि हम इस जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं। न्याय के लिये हम मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें हकीकत बताएंगे। शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पं. छन्नूलाल मिश्रा ने भी सवाल उठाया था कि आखिर उनकी बेटी की जान कैसे चली गई? इसका जवाब न तो अस्पताल मैनेजमेंट और न ही जिला प्रशासन के पास है। उन्होंने कहा था क इस संबंध में वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ से मिलकर शिकायत करेंगे। छोटी बेटी नम्रता का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिये वह बात भी कर चुकी हैं।
उधर जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट पं. छन्नूलाल से मिलने वाराणसी के कैंट से बीजपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव पहुंचे। विधायक ने पं. छन्नूलाल मिश्रा और उनकी बेट डाॅ. नम्रता मिश्रा से मुलाकात कर अस्पताल के पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जाना। भाजपा विधायक ने कहा कि वो इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिये सरकार को लिखेंगे। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए गए लोग अवश्य दंडित किये जाएंगे। भाजपा विधायक को पं. छन्नूलाल मिश्रा का आवास ढूंढने में 23 दिन लग गए। डाॅ. नम्रता मिश्रा ने बताया कि विधायक ने कहा कि 29 अप्रैल को उन्हें निधन की खबर मिल गई थी। वह पुराने आवास पर गए तो वहां ताला लटका था। नया आवास ढूंढने में उन्हें 23 दिन लग गए।