सुभासपा ने पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से भी प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है। इससे पीएम नरेन्द्र मोदी की परेशानी बढऩी तय है। अभी तक बनारस से अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत सपा को इस सीट से प्रत्याशी उतारने की जिम्मेदारी है जबकि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी बनारस से ही चुनाव लडऩे की इच्छा जता चुकी हैं। ऐसे में सुभासपा के प्रत्याशी उतारने से सबसे अधिक नुकसान बीजेपी को हो सकता है। यूपी चुनाव 2017 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन किया था ऐसे में माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में भी राजभर वोट बीजेपी को मिल सकते हैं लेकिन अब ऐसा होने की उम्मीद नहीं हैं। ऐसे में ओमप्रकाश राजभर अपने प्रत्याशी खड़ा करते हैं तो राजभर वोटर उनके साथ जा सकता है यदि ऐसा हुआ तो बीजेपी को नुकसान उठाना होगा।
यह भी पढ़े:-इन बाहुबलियों के सहारे यूपी में ताकत दिखाने की तैयारी में कांग्रेस, खेला बड़ा दांव कमजोर होगी बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंगसुभासपा के प्रत्याशी उतारने के ऐलान से बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग कमजोर होगी। पूर्वांचल के चुनाव में जातिगत समीकरण सभी पर भारी पड़ता है। बीजेपी के राज्मंत्री अनिल राजभर भी राजभरों के नेता है लेकिन ओमप्रकाश राजभर जैसे वोट बैंक अभी तक नहीं जुटा पाये हैं। ऐसे में बीजेपी से राजभर वोटर दूर होगा। ऐसा हुआ तो बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग कमजोर हो जायेगी।
यह भी पढ़े:-पीएम नरेन्द्र के खिलाफ चुनाव लड़ेगा उनका हमशक्ल, कहा इसलिए प्रधानमंत्री से नाराज हूं सुभासपा ने कुछ ही घंटे के अंदर प्रत्याशी उतारने का भी ऐलान किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि शशि प्रताप सिंह ने बताया कि हम लोग अकेले ही लोकसभा चुनाव लडऩे जा रहे हैं। पूर्वांचल की बलिया, गाजीपुर, सलेमपुर, देवरिया, घोसी, आजमगढ़, अम्बेडकर नगर, बनारस, चंदौली, मिर्जापुर, इलाहाबाद, फूलपुर, जौनपुर, लालगंज, बांसगांव, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर सहित पूर्वांचल की 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे।
यह भी पढ़े:-इन सीटों पर किसी भी दल का खेल बना व बिगाड़ सकते हैं राजभर वोटर