बनारस के दुर्गाकुंड में रहने वाले अक्षत कौशिक का परिवार चिकित्सा सेवा से ही जुड़ा है। उनके पिता डा.एके कोशिक लेप्रोस्कोपिक सर्जन है, जबकि माता डा.किरन कौशिक गाइनोलॉजिस्ट है। अक्षत ने बताया कि नीट की परीक्षा के लिए प्रतिदिन ६ से सात घंटे तक अध्ययन करता था और जब इंटर का रिजल्ट आ गया तो और अधिक मेहनत करनी शुरू कर दी थी। अक्षत का कहना है कि वह एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं। दिल्ली के एम्स से पढ़ाई करने का सपना देख रहे अक्षत का कहना है कि १२ जून का रिजल्ट आ जायेगा। इतनी मेहनत की है विश्वास है कि वहां का रिजल्ट भी अच्छा आयेगा। अक्षत कौशिक ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है कहा कि बनारस में रहते हुए पढ़ाई की थी। नीट की परीक्षा अच्छी हुई थी लेकिन इतनी सफलता मिलेगी। इसका विश्वास नहीं था। अक्षत ने कहा कि चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में जाकर लोगों की सेवा करना चाहता हूं।
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