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शहीद का शव जब 39 जीटीसी पहुंचा तो वहा का माहौल गमगीन हो गया। सभी को अपने साथी खोने का दु:ख था तो देश के लिए शहीद होने का गर्व भी था। सबसे अधिक हालत परिजनों की खराब थी जो दो दिन से शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे थे और जब पार्थिव शरीर आया तो उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। शहीद गामिल श्रेष्ठा की मां और भाभी की हालत देख कर पूरा माहौल गमगीन हो गया था। मां बार-बार अपने बेटे को उठाने का प्रयास कर रही थी। बेटे की अभी शादी तक नहीं हुई थी और मां के सारे सपने टूट चुके थे। परिजनों को शहीदका अंतिम दर्शन कराया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की गयी।
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