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भगवान शिव का विवाह महाशिवरात्रि के दिन हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन राजा दक्ष ने बाबा को तिलक चढ़ाया था। रंगभरी एकादशी के दिन गौरा का गौना हुआ था। इसी अनुसारी काशी विश्वनाथ मंदिर में पिछले 356 साल से वसंत पंचमी के दिन महंत आवास पर बाबा को तिलक चढ़ाया जाता था लेकिन इस बार परम्परा टूट जायेगी। सबसे बड़ी समस्या गौरा के गौना को लेकर होने वाली है। महंत आवास ध्वस्त हो चुका है इसलिए रंगभरी एकादशी के दिन गौना के लिए जगह की तलाश करनी होगी। इसी दिन अबीर-गुलाल के बीच शिवर परिवार की शोभायात्रा निकाली जाती है जो काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक जाती है।
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