अंतिम दिन दो घंटे में ही पूरा हुआ सर्वे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के पांचवे व अंतिम दिन सोमवार कोदो घंटे में ही सर्वे का काम पूरा हो गया। अधिवक्ताओं के निकलने का सिलसिला सवा दस बजे शुरू हो गया। इस बीच सर्वे में शामिल टीम के अनुसर जांच पड़ताल के बाद एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूरी होने के बाद पूरी टीम लौट आई। इस लिहाज से अंतिम दिन मात्र दो घंटे ही जांच पड़ताल की गई है।
सर्वे के बाद परिसर से बाहर निकले सोहनलाल आर्य ने कहा कि ‘नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वो बाबा मिल गए।’ उन्होंने तालाब की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोहे के जरिए कहा, “जिन खोजा तिन पाइयां। तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है।” डॉ. सोहनलाल शृंगार गौरी प्रकरण की पांचों वादिनी के पैरोकार हैं।
ये भी पढें-
अयोध्या की राह चला ज्ञानवापी प्रकरण, तैयार होगा मानचित्र अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा ऐसा कुछ नहींइस बीच प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं मिला।
सर्वे के दौरान बड़ी कार्रवाई इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के अंतिम दिन की कार्यवाही के दौरान बड़ा प्रशासनिक एक्शन भी लिया गया। सर्वे टीम के सदस्य आरपी सिंह को हटा दिया गया। सिंह पर सर्वे की सूचनाएं लीक करने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि वो सर्वे की बातों को बाहर के लोगों को बता रहे थे। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद के सर्वे के संबंध में कोर्ट ने साफ तौर पर गोपनीयता बरतने की सख्त हिदायत दी थी। लेकिन आरपी सिंह पर इसका पालन न करने का आरोप लगा हैं।
सर्वे से जु़ड़ी बातें या दावे व्यक्तिगत रायः कलेक्टर वाराणसी सिंह को सर्वे से हटाए जाने के बाद वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने कहा कि ज्ञानवापी- शृंगार गौरी कोर्ट कमिशन सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती हैं। ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात कोर्ट के द्वारा ही बताई जाएगी। किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
18 अगस्त को दायर की गई थी याचिका ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और परिसर में स्थित अन्य विग्रहों को सरंक्षित करने के लिए याचिकाकर्ता राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त 2021 को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा परिसर का सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अजय कुमार को इसके लिए वकील कमिश्नर नियुक्त किया।
6 मई को शुरू हुई सर्वे की कार्यवाही
अदालत के आदेश पर 6 मई को कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र की अगुवाई में टीम ने सर्वे शुरू किया पर सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे टीम का विरोध किया। उन्होंने न्यायालय में कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग की। लेकिन न्यायालय ने प्रति आपत्ति को खारिज करते हुए 12 मई को कोर्ट कमीश्नर अजय कुमार के सहयोग के लिए विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आदेश दिया है कि ताला खोलकर या तोड़कर कमीशन की कार्यवाही निर्बाध पूरी कराई जाए। इसमें बाधा डालने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त विधिक कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है।
गोपनीय है सर्वे की रिपोर्ट
इससे पूर्व सर्वे के चौथे दिन के सर्वे की कार्यवाही नियत समय पर आरंभ हुई। लगभग साढ़े सात बजे विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर सर्वे टीम पहुंची। यहां एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय है, इसे साझा नहीं किया जा सकता। आज सर्वे का काम पूरा हो जाएगा या नहीं। इस सवाल पर विशाल सिंह ने कहा कि देखते हैं, काम कितना हो पाता है। कोर्ट ने 17 तारीख से पहले सर्वे की कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया है। बता दें कि इससे पहले 6 मई को सर्वेकी कार्यवाही शुरू हुई थी। लेकिन मस्जिद का ताला खोलने को लेकर हुए विवाद के चलते कार्यवाही सात मई को रोक दी गई थी। 12 मई को अदालत ने फिर से सर्वे का आदेश दिया। सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश की जाएगी।