विश्वनाथ काॅरिडोर का निर्माण कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है उसका विशाल आकार और गुलाबी मोहक सौंदर्य और भी उभरकर सामने आ रहा है। मंदिर के चौक का निर्माण भी प्रगति पर है। गुलाबी पत्थरों की आभा अब दर्शनार्थियों को भी नअर जाने लगी हैं, जिसपर की गई नक्काशी मन को मोह लेने वाली है। अधिशासी अभियंता संजय गोरे ने बताया है कि 345.27 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में 650 मजदूर दो शिफ्ट में लगातार काम कर रहे हैं। 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।
काॅरिडोर के प्राचीन मंदिर
काशी विश्वनाथ धाम काॅरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान वहां मिले प्राचीन मंदिरों का भी जीर्णोद्घार कर उन्हें संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। इस काम की जिम्मेदारी काशी हिंदू विश्वविद्यालय और संस्कृति मंत्रालय को सौंपी गई है। इन मंदिरों को उनके स्वरूप में ही संरक्षित किया जाएगा। परियोजना में मिले मंदिरों का इतिहास, उनकी प्राचीनता और विशेषताओं के अलावा मंदिर किसने और कब बनवाया, ये सारी जानकारियां जुटायी जा रही हैं। बता दें कि काॅरिडोर के निर्माण के लिये खरीदे गए तीन सौ भवनों में 60 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर मिले हैं।
ऐतिहासिक दस्तावेज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम काॅरिडोर की मणिमाला के मंदिरों उनकी प्राचीनता और ऐतिहासिकता से भी लोग रूबरू होंगे। मंदिरों का ऐतिहासिक दस्तावेज दुनिया के सामने होगा। काशी विश्वनाथ धाम निर्माण कार्य के दौरान वहां मिले प्राचीन मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार करने के लिये भारतीय पुरातत्व विभाग भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यी टीम द्वारा इसपर काम शुरू किया जा चुका है।
19 भवनों पर जारी है काम
5.3 लाख वर्गफुट के एरिया में भव्य और खूबसूरत काशी विश्वनाथ धाम को आकार देने का काम ऊंचे-ऊंचे टिन शेड के पीछे तेजी से चल रहा है। परिसर से लेकर गंगा घाट तक कुल 24 इमारतों का निर्माण होना है, जिनमें से 19 पर तेजी से काम जारी है। इनमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, जलपान केन्द्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केन्द्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक लाइब्रेरी, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यहां की की एक और खासियत ये होगी कि मंदिर चौक का हिस्सा सी के आकार में बनेगा, इससे यहां से सीधे मां गंगा का दर्शन किया जा सकेगा।