ये भी पढ़ें- इन जिलों में फटा कोरोना बम, कहीं 12 तो कहीं सात व पांच-पांच मामले आए सामने, अधिकांश प्रवासी कॉलेजों में अनिश्चितता की स्थिति- बता दें कि 24 मार्च से (लॉकडाउन शुरू के साथ ही) विद्यापीठ और संबद्ध कॉलेजों में आधी से अधिक विषयों की वार्षिक परीक्षाएं फंसी हुई हैं। बार-बार लॉकडाउन बढ़ने से विश्वविद्यालय और कॉलेजों में अनिश्चितता है। इतना ही नहीं वार्षिक परीक्षाओं के साथ-साथ सेमेस्टर परीक्षाओं पर भी कोई रणनीति नहीं बना पा रहा है। दूसरी ओर शिक्षकों के मुताबिक ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पीजी कक्षाओं में तकरीबन सभी विषयों के कोर्स समाप्ति की ओर हैं।
ये भी पढ़ें- मुंबई से आए तीन लोग कोरोना पॉजिटिव, संक्रमितों की संख्या पहुंची 31 कभी भी हो सकती है तिथियों की घोषणा- शिक्षक भी विशवविद्यालय के दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का मानना है कि कोर्स समाप्त होने के बाद छात्रों को व्यस्त रखने के लिए नये सिरे से तैयारी करनी होगी। हालांकि छात्रों से लगातार कहा जाता है की वो अपनी तैयारी पूरी रखें। स्थिति सामान्य होते ही किसी भी दिन तिथियों की घोषणा हो सकती है।