महंती गद्दी संभालने से पहले सुबह नए महंत शंकरपुरी ने विधि-विधान से माता अन्नपूर्णा का पूजन किया और 7वें महंत के रूप में गद्दी संभाली। परम्परा के अनुसार श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी, अखाड़ा हरिद्वार से महंत कैलाश भारती, ओंकारेश्वर के महंत दयाल पुरी सहित अनेकों स्थानों के श्रीमहंत ने सर्वसहमति से शंकर पुरी महाराज के नाम घोषणा की। इसके बाद उनका तिलक किया गया और महंत की चादर आेढ़ाकर उन्हें गद्दी पर बैठाया गया।
17 सालों से अन्नपूर्णा मठ मंदिर की सेवा में जुटे नए महंत शंकर पुरी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्राह्मचर्य आश्रम में अध्ययन करने 1988 में कायी आए थे और तब से यहीं रह रहे हैं। उन्होंने ऋषिकुल से पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा और शास्त्री करने के बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से डबल एमए (परास्नातक) की डिग्री ली।
गद्दी संभालने के बाद नए महंत शंकरपुरी महाराज दिवंगत महंत रामेश्वरपुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भावुक हो गए। उनके अधूरे कार्य को पूरा करने , संस्कृति संस्कारों सहित परम्परागत शास्त्रों के संरक्षण और सामाजिक गतिविधियों को निरंतर आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। कहा कि सभी संतों विद्वानों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन में मंदिर और ट्रस्ट जनहित के कार्य करता रहेगा।
संत विहारी पुरी के महंत जयकिशन पुरी, स्वामी कृष्णानंद, श्रीमहंत सुभाष पुरी, श्री काशी विद्ववत परिषद के अनेकानेक विशिष्ट विद्वानों की उपस्थिति रही। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत और सप्तऋषि आरती के प्रधान अर्चक शशिभूषण त्रिपाठी उर्फ गुड्डू महाराज ने भी माल्यार्पण करके नवागत महंत को शुभकामनाएं दी और दिवंगत महंत को श्रद्धांजलि अर्पित की। दिवंगत महंत रामेश्वरपुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्दानंद सरस्वती, सतुआ बाबा के महामण्डेश्वर संतोष दास महाराज सहित मौजूद गणमान्य लोगों ने अपना-अपना विचार रखा।
प्रधानमंत्री ने भेजा शोक पत्र
पीएम नरेंद्र मोदी के भेजे शोक पत्र में लिखा है कि… “महंत जी के देहावसान के बारे में जानकर अत्यंत दुःख हुआ। इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं शुभचिंतकों के साथ हैं। महंत रामेश्वर पुरी जी का जीवन धर्म और अध्यात्म को समर्पित था। उनके कुशल नेतृत्व में काशी अन्नपूर्णा क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा लोक कल्याण के लिए अनवरत प्रयास किए गए, उन्होंने सदैव लोगों को सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित किया। उनका निधन समाज के लिए का अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति दें और इस कठिन घड़ी में शोक संतप्त शुभचिंतकों को दुख सहने का धैर्य और संबल प्रदान करें।”
16 जुलाई को ब्रह्रमलीन हुए थे महंत रामेश्वरपुरी
बताते चलें कि अन्नपूर्णा मठ मंदिर के पूर्व महंत रामेश्वरपुरी लंबी बीमारी के बाद 16 जुलाई को ब्रह्रमलीन हो गए थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी ने भी दुख और शोक जताया था।
ये रहे मौजूद
महामंडलेश्वर विशेश्वरानन्द, रोहतक सचिव रामशेवक गिरी औरंगाबाद महाराष्ट्र, सचिव रावेंद्रपुरी श्री पंचायती अखाड़ा, सचिव कैलाश भारती ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश, सचिव जमुनापुरी इलाहाबाद सचिव रमेशगिरी नाशिक श्री पंचायती अखाड़ा, सचिव शिवनारायण पूरी नाशिक तमकेश्वर, श्रीमहंत गंगा सागर भारती अरुणाय हवेली हरियाणा, श्रीमहंत किशनगिरी तमकेश्वर देहरादून, श्रीमहंत दयापुरी कलावर्ण हरियाणा,नमहंत विनीत गिरी महाकाल उज्जैन, विश्वनाथ गिरी हरियाणा, उमेशगिरी आंध्रप्रदेश विशाखापटनम, उधोगपति सुब्बा राजू,डॉ लक्ष्मी अन्नपुर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्टी मुंबई, पद्मश्री हरिहर कृपालु महाराज, पद्मश्री प्रो राम यत्नशुक्ल, प्रोफेसर राम किशोर त्रिपाठी, डा दिनेश गर्ग, प्रो विनय कुमार पाण्डेय अध्यक्ष ज्योतिष विभाग, डा दिव्य चैतन्य ब्रह्मचारी, पूर्व विधायक अजय राय सहित अन्य लोग मौजू रहे। वहीं, मन्दिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने दिवंगत महंत को श्रधांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी कमी हमेसा खलेगी। वहीं, नवनियुक्त महंत को गद्दी सम्भालने की शुभकामनाएं भी दी।