IIT BHU का शोध: प्लेट बिछाइये फिर घर-ऑफिस हो या कार, भीषण गर्मी में रहिए कूल-कूल
चाहे कितनी ही गर्मी क्यों न हो, घबराने की जरूत नहीं, आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों की रूफटॉप वाली प्लेट है न, घर हो या ऑफिस की छत पर उस प्लेट को बिछा कर प्राकृतिक गर्मी को किया जा सकता है कम। दावा है कि 97 फीसद तक प्राकृतिक ताप को वापस कर देगी ये प्लेट। तो जानते हैं क्या है ये प्लेट कैसे काम करेगी, क्या कहा प्रो जहर ने पत्रिका से बातचीत में…
IIT BHU scientists made cool radiative coating surface
वाराणसी. ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के चलते साल में गर्मी के दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। गर्मी के दिनों खास तौर पर मई जून में लोग घरों व दफ्तरों में उबल से जाते हैं। यहां तक कि लग्जरी कारों में चलने वालों का भी बुरा हाल रहता है। आमजन की इन कठियाइयों पर गौर करते हुए आईआईटी बीएचयू के मैकेनिकल विभाग के असोसिएट प्रोफेसर जहर सरकार और उनकी टीम ने एक ऐसी सतह तैयार की है जिसे घर, दफ्तर या किसी बहुमंजिली इमारत की छत पर बिछा दी जाए तो प्राकृतिक ताप को 97 फीसद तक वापस भेज कर घर को ठंडा कर देगा। प्रो सरकार ने पत्रिका संग बातचीत में बताया कि अब हमारी टीम विभिन्न वाहनों की छतों को भी इसी तकनीक से ठंडा करने का प्रयास कर रहे हैं। उसके लिए शोध जारी है।
पॉलीमर और बेरियम सल्फेट के नैनो कणों से तैयार की है ये सतह प्रो सरकार ने बताया कि इस तकनीक में पॉलीमर और बेरियम सल्फेट व इसी तरह के अन्य नैनो कणों को मिला कर खास तरह की सतह तैयार की गई है जो भीषण से भीषण गर्मी में भी कमरे का वातावरण ठंडा कर देगी। इस घर-दफ्तर या बहुमंजिली इमारतों की छत, छत पर बनी पानी की टंकी के ढक्कन पर रख दिया जाए तो सूरज के ताप से होने वाली गर्मी को ये 97 फीसद तक वायुमंडल के बाहर एक्जोस्फियर में परावर्तित कर देता है। इससे नीचे यानी कमरे का तापमान ठंडा हो जाता है। ऐसे में दिन में भी एसी चलाने पर उतना ताप न रहने के चलते उस पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता क्योंकि इस सतह के चलते कमरे का तापमान बाहर के तापमान के मुकाबले 10 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है। इससे बिजली का खर्च भी तकरीबन आधा हो जाता है। रात में तो एसी चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
इस सतह का नाम है “कूल रेडिएटिव कोटिंग” उन्होंने बताया कि इस सतह को “कूल रेडिएटिव कोटिंग” नाम दिया गया है। यह सूरज की रोशनी को तो परावर्तित करता ही है साथ में इंफ्रारेड किरणों को भी स्पेस के बाहर कर देता है। यह इनोवेशन SERB (Science and Engineering Research Board) द्वारा दिए गए प्रतिष्ठित IMPRINT प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।
अब वाहनों की छत पर इस तरह को फिट करने को प्रयास जारी उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला में ये प्रयोग अभी जारी है। हम लोग इस प्रयास में हैं कि इस सतह को कार, बस आदि की छत पर फिट कर उसका वातावरण भी ठंडा किया जा सके। इसमें कुछ समय लग सकता है।
सतह को पोर्टेबल बनाने का प्रयास बताया कि अब इस पर काम किया जा रहा है कि ये जो सतह है उसे पोर्टेबल कर दिया जाए ताकि आसानी से फोल्ड किया जा सके। इससे होगा ये कि जाड़े के दिनों में इसे छत से उठा कर फोल्ड कर कहीं भी रखा जा सकेगा। बताया कि जाड़े में तो इसका कोई काम नहीं होगा क्योंकि तब ये कमरे को इतना ठंडा कर देगा कि उसमें रहना मुश्किल हो जाएगा।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की छत पर लगी है सतह बताया कि इस सतह को मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की छत पर लगाया गया है। इससे छत पर रखी पानी की टंकी के अंदर का पानी भी ठंडा हो जाता है। साथ ही कमरे का तापमान भी नियंत्रित रहता है।
कीमत भी ज्यादा नहीं उन्होंने बताया कि 10X15 फीट के कमरे की छत पर इस सतह को लगाने में करीब 10 हजार का खर्च आया है। कहा कि यदि इंडस्ट्री स्तर पर इसे तैयार किया जाएगा तो इसका खर्च महज छह हजार रुपये तक आएगा। पानी की टंकी के ढक्कन पर सतह को बिछाने पर अभी करीब पांच हजार रुपये की लागत आई है लेकिन इंडस्ट्री स्तर पर निर्माण में ये खर्च भी ढाई हजार तक आ सकता है।
बाजार में उतारने की तैयारी प्रो सरकार ने बताया कि आईआईटी बीएचयू के इस प्रोजेक्ट रिसर्च को जल्द ही केंद्र सरकार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को भेजा जाएगा ताकि इसे बाजार में उतारा जा सके।
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में इनका रहा सहयोग प्रो सरकार ने बताया कि दो साल से चल रहे इस शोध कार्य में मेरे अलावा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. प्रलय मैती तथा शोध छात्र जयप्रकाश बिजारनिया ने काम किया है।
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