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युवती ने होटल के रजिस्टर पर गलत नाम दर्ज कराया था। युवती ने रजिस्टर पर नाम सीमा लिखा था जबकि उसका असली नाम अंजलि तिवारी अथवा, बरियारपुर, देवरिया था। इससे पहले अमिष व अंजलि दो बार इस होटल में ठहर चुके थे। पहली बार १६ फरवरी को रुके थे बाद में मई में आये थे इसलिए होटल के लोग युवती को पहचानते थे। युवती का शव मिलने के बाद जब पुराना रिकॉर्ड खंगाला गया तो युवती की असली पहचान उजागर हो गयी। अमिष ने पहले ही अंजलि को अपनी बहन बताया था और कहता था कि बीएचयू में उसका इलाज कराना है।
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युवती के मुंह से झाग निकल रहा था इसलिए विषाक्त पदार्थ के चलते जान जाने की आशंका है। यदि विषाक्त पदार्थ खाने से युवती की जान गयी है तो बड़ा सवाल उठता है कि आखिर अमिष व अंजलि में कौन जहर लेकर आया था। अमिष जिस तरह से अंजलि का मोबाइल लेकर होटल का दरवाजा बंद करके गायब हुआ है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अंजलि को जहरीला पदार्थ खिलाया होगा। अंजलि की आवाज कमरे के बाहर तक नहीं आये। इसके चलते टीवी को तेज कर वहां से निकल गया होगा। पुलिस की जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि मौत का सही कारण क्या है।
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चेतगंज सीओ अंकिता सिंह ने कहा कि पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। कमरे से कोई सामान नहीं मिला है। अमिष ने कमरा बुक कराया था वह भी मौक से गायब है। युवती की मुंह से झाग निकल रहा था इसलिए विषाक्त पदार्थ खाने या खिलाने की संभावना है। जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।
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