नगर निगम चुनाव में महिला वार्ड होने पर बहुत से पार्षद अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाते हैं। पत्नी चुनाव जीत जाती है लेकिन उसे अपने वार्ड की समस्या की जानकारी नहीं होती है। कहने को तो वार्ड की सभासद महिला होती है लेकिन उसका सारा काम पति ही देखते है। ऐसे में मीटिंग व सभा में महिला पार्षद की जगह उनके पति जाते है। कई बार तो पति व पत्नी दोनों ही सभा में पहुंच जाते हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के चलते यहां की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने युवा आईएएस गौरांग राठी को नगर आयुक्त बनाया है उसके बाद से गौरांग राठी लगातार बदहाल व्यवस्था को सुधारने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में उन्होंने सभासदों की बैठक बुलायी थी ताकि उनकी क्षेत्र की समस्या की जानकारी हो सके और उसका निस्तारण किया जाये। बैठक में सभासदों ने अपना परिचय देना शुरू किया था। कुछ सभासदों ने पता कि वह पार्षद पति है तो नगर आयुक्त ने कहा कि आप महिला पार्षद को क्यों नहीं भेजते हैं। अगली बार बैठक में उन्हें ही भेजियेगा। वही क्षेत्र की प्रतिनिधि है इसलिए बैठक में उन्ही को आना चाहिए। नगर आयुक्त की बात सुनकर कुछ पार्षद पति बैठक से धीरे से खिसक गये।
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