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परिजनों का आरोप है कि कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पंकज चौबे ने ही गोली मारी है। परिजनों के आरोप को देखते हुए पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच तक छापेमारी कर कांग्रेस नेता को पकडऩे में जुटी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना के पीछे कारोबारी विवाद बताया जा रहा है फिलहाल पुलिस जब आरोपियों को पकड़ेगी तो इस मामले में और खुलासा हो पायेगा।
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बलवंत सिंह के पास बुलेटप्रूफ वाहन और लाइसेंसी पिस्टल भी थी इसके बाद भी उनकी जान नहीं बच पायी। बलवंत सिंह को जब गोली मारी गयी तो उन्हें लाइसेंसी पिस्टल निकालने का मौका तक नहीं मिला था। यदि वह अपने कार में बैठे होते तो बुलेटप्रूफ होने के कारण उनकी जान बच सकती थी। कुछ दिन पूर्व ही शिवपुर थाना क्षेत्र के तहसील परिसर में ठेकेदार नितेश सिंह की गोली मार कर हत्या की गयी थी। नितेश सिंह के पास भी बुलेटप्रूफ कार व लाइसेंसी पिस्टल थी इसके बाद भी जान नहीं बच पायी।
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सपा सरकार पर अपराधियों का संरक्षण देने का आरोप लगाने वाली बीजेपी बढ़ते अपराध से बैकफुट पर आ गयी है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को वीवीआईपी माना जाता है और यही पर सीएम योगी आदित्याथ सरकार ताबड़तोड़ अपराध को नहीं रोक पा रही है। बनारस में ढाई माह में 11 हत्या हो चुकी है कुछ का खुलासा हुआ है जबकि कुछ का नहीं हुआ। आपसी रंजिश, कारोबारी विवाद से लेकर बदला लेने के लिए यह हत्या हो रही है जिसे रोकने में पुलिस विफल साबित हो रही है।
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