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वाराणसी

जेल में इस दस्यु सुंदरी को ऐसे हो गया था प्यार, अब लोकसभा 2019 में लड़ेंगी चुनाव

दस्यु सुंदरी सीमा यादव इस पार्टी से लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
 

वाराणसीFeb 13, 2019 / 12:06 pm

sarveshwari Mishra

Seema Yadav

Seema Yadav

वाराणसी. 2014 के बाद 2019 में होने वाला लोकसभा का चुनाव एक बार भी दिलचस्प होने वाला है। कभी इस सीट से चुनाव लड़ी दस्यु सुंदरी फूलन देवी के बाद एक बार फिर एक और चम्बल की पूर्व डकैत दस्यु सुंदरी मिर्जापुर के संसदीय सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। पूर्व डकैत सीमा यादव इस बार अनुप्रिया पटेल को चुनौती देने को मैदान में उतरी है। सीमा यादव की शादी वैसे तो 11 साल की उम्र में कल्लू के साथ हो गई थी लेकिन कल्लू सीमा यादव को एक डकैत के हाथों बेच दिया था। जहां से सीमा यादव ने डकैत की राह पकड़ ली और 2005 में डकैत चंदन की हत्या कर इटावा में एसएसपी दलजीत चौधरी के सामने सरेंडर कर दिया। सीमा यादव को सात साल की जेल हुई जहां देवेंद्र नाम के व्यक्ति ने इनकी पूरी कहानी सुनी तो उसे सीमा यादव से प्यार हो गया।

2005 में डकैत चंदन की हत्या
2005 में डकैत चंदन की हत्या के बाद सीमा ने इटावा SSP दलजीत चौधरी के सामने सरेंडर कर दिया। इन्हें 7 साल की जेल हुई। जेल में सीमा की मुलाकात देवेंद्र राणा से हुई। उनकी कहानी सुनने के बाद देवेंद्र को उनसे प्यार हो गया। जेल से बाहर आने पर जब मां-बाप ने साथ छोड़ा तो देवेंद्र ने हाथ थाम लिया। मई 2012 में दोनों ने शादी की। कभी डकैत रहीं सीमा आज एक बच्ची की मां हैं। उन्होंने सोशल वर्क करने की चाह में पॉलिटिक्स की राह पकड़ी है।

इस सीट से चुनाव लड़ेंगी सीमा यादव
जन नायक पार्टी से दस्यु सुंदरी सीमा यादव चुनाव लड़ेंगी। यह पार्टी का गठन बेरोजगारी और आर्थिक तंगी की हालातों से जूझ रहे युवाओं के लिए हुआ है। उनका एक ही नारा है कोई सताए तो हमें बताएं। भारतीय जन नायक पार्टी 2019 में सभी सीट चुनाव लड़ेगे। इस पार्टी का अन्य पार्टी से अलग किसी राजनीतिक पार्टी से समर्थन नहीं है। कानून व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए इस पार्टी का गठन किया गया है।

जानिए कौन है दस्यु सुंदरी सीमा यादव
दस्यु सुंदरी सीमा यादव कानपुर देहात के सिकंदरा थाना अंतर्गत महरूपुर गांव की रहने वाली हैं। इनके पिता जुलुम सिंह ने 11 साल की उम्र में सीमा यादव की शादी अक्टूबर 1998 में इटावा के भवानीपुर गांव निवासी 25 साल के कल्लू सिंह से शादी हो गई थी।

शादी के सात महीने बाद गुंडो के हाथों बेच दी गई थी सीमा यादव
शादी के करीब 7 महीने बाद ही सीमा यादव के पति ने इनका सौदा सलीम गैंग के मुखिया से कर दिया था। जब डकैतों ने सीमा यादव के भाई गंभीर के बारे में सुना तो खरीदने से मना कर दिया। सीमा यादव का भाई 1999 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया और सीमा यादव का वहीं से बुरा दिन शुरू हो गया।

12 साल की उम्र में डकैत के बीच फंस चुकी थी डकैत सीमा यादव
सीमा यादव के पति कल्लू सिंह एक बार सीमा यादव को बेचने के लिए जहर मिली दाल पिलाने की कोशिश की थी। जब उन्होंने ने शोर मचाया तो आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए लेकिन तब तक सीमा यादव बेहोश हो गई थी। जब उनकी नींद खुली थी नामी डकैत चंदन यादव के घर थी। उनके पति ने उनका सौदा 60 हजार में कर दिया था। जब वह गुंडों के बीच फंसी थी तब वह 12 साल की थी।

12 साल की उम्र में उठाया था हथियार
डकैत सीमा यादव 12 साल की उम्र में हथियार उठा ली थी। सीमा यादव जब गुंडों के कब्जे में थीं तब उनसे खुद को छोड़ने के लिए हाथ-पैर जोड़ने लगी। लेकिन डकैत चंदन ने फिरौती में सीमा यादव के पिता से पांच लाख रुपये और पांच बीघा जमीन की मांग की। लेकिन सीमा यादव के पिता ने देने से मना कर दिया। उसके बाद सीमा यादव से डकैत चंदन डकैती कराने लगा था।

सीमा यादव के भाई पति के हाथों मरने से बचाई थी जान
सीमा यादव के घर डकैतों का आना जाना था। एक रात दो दर्जन से ज्यादा डकैत इनके घर आ गए। तब इनके पति ने सभी के लिए सीमा से खाना बनवाया। उनके जाने के बाद सीमा यादव ने पति से कहा कि मुझे डकैतों का आना पसंद नहीं है। जब सीमा यादव ने कहा कि ये सब बंद नहीं होगा तो पुलिस को कंप्लेन करूंगी। उस पर सीमा यादव के पति कल्लू सिंह ने उनको बहुत मारा जिससे वे बेहोश हो गई। उस दिन सीमा यादव के दबंग भाई गंभीर ने उन्हें बचाया था। सीमा यादव के भाई से ससुराल वाले डरते थे।

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