रेलवे के एक अधिकारी ने इस बाबत जानकारी दिया कि प्लांट लगा रही कंपनी कतरे से बनी खाद प्लास्टिक के सामानों के साथ ही अन्य सामानों की भी खरीद करेगी। रेलवे को ये कंपनी बिजली देने का काम करेगी।
पांच टन तक कूड़ा रोजाना होता है इकट्ठा कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना पांच टन के आस-पास कूड़ा इकट्टा किया जाता है। जिसके उपयोग की अब तक कोई व्यवस्था नहीं थी। इस कूड़ेको सेकंड इंट्री की तरफ डंप किया जाता था। जिससे पर्यावरण का काफी नुकसान होता था। जो प्लांट लगाया जा रहा है उस प्लांट की क्षमता हर रोज छह टन कूड़ा खपाने की होगी। जिससे आसानी से स्टेशन का कूड़ा उपयोग में पूरी तरह से लाया जा सकेगा।
शहर में पहले से ही वेस्ट टू इनर्जी प्लांट
बतादें कि ये पहला मौका नहीं होगा जब बनारस में कूड़े का सही उपयोग किये जाने के लिए इस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इसके पहले भी भवनिया पोखरी पहड़िय़ा मंडी और कज्जाकपुरा में प्लांट लगाये गये हैं जहां कूड़े से बिजली तैयार करने का कां किया जाता है।
अन्य जगहों पर भी होगा बदलाव इस प्लांट के निर्माण के बाद बस अड्डे अस्पतालों और कई बड़ी जगहों पर इस प्लांट का निर्माण कराया जाना संभव माना जा रहा है। ताकि वेस्ट कूड़े का सही उपयोग किया जा सके और इसका लोगों को लाभ मिल सके।