जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि गंगा में पानी बढऩे की रफ्तार कम हुई है। कुल 56 गांव पास पानी आया है, जबकि दो गांव में पानी प्रवेश किया है। गंगा से दो व वरुणा से चार गांव प्रभावित हुए है। बाढ़ राहत शिविर को पहले से ही सक्रिय किया जा चुका है। कैंप में बिजली, पानी, खाने-पीने के साथ चिकित्सक तक की व्यवस्था की गयी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से लोगों को कैंप में पहुंचाने के लिए नाव की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ व पीएससी की 20 नाव लगायी गयी है। प्राइवेट 500 नाव को लिया गया है जिसमे से पचास नाव को लगाया जा चुका है। बाढ़ प्रभावित लोगों का सहायता नहीं मिलने के आरोप को डीएम ने नकार दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सारी सहायता लोगों को कैंप में उपलब्ध करायी जा रही है लोगों के घर जाकर सहायता पहुंचाना संभव नहीं है उन्हें घरों से कैंप लाने के लिए नाव तक की व्यवस्था की गयी है साथ ही लगातार कैंप में आने की अपील की जा रही है।
यह भी पढ़े:-गिरे हुए जर्जर मकान से दरोगा ने जान पर खेल कर बचायी 9 जिदंगी, देखे वीडियो चोरी के डर से लोग नहीं छोड़ रहे अपना घरबाढ़ प्रभावितों के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने घर की सुरक्षा है। घर के अधिकांश सदस्यों को कैंप में भले ही पहुंचा रहे हैं लेकिन कुछ लोग घर में भी रह रहे हैं उन्हें इस बात का डर है कि यदि घर में ताला बंद कर दिया तो चोरी ाहे सकती है। सीएम योगी आदित्याथ के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था और पुलिस को रात में नाव से बाढ़ पीडि़त क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया है इसके बाद भी लोग अपना घर नहीं छोड़ पा रहे हैं।
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