नीतेश सिंह उर्फ बबलू सिंह के मर्डर ने पुलिस को उलझा कर रख दिया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने निकल कर आ रही है कि पेशेवर शूटरों से हत्या करायी गयी है। नितेश के पास लाइसेंसी रिवाल्वर थी और वह अपनी बुलेट प्रूफ कार में बैठ रहा था कि उसकी आधा दर्जन से अधिक गोली मार कर जान ले ली गयी। नितेश की मौत के बाद जरायम की दुनिया का समीकरण बदल गया है। सूत्रों की माने तो जानकार इसे मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद वर्चस्व की लड़ाई से जोड़ कर देख रहे हैं जबकि कुछ लोगों का मानना है कि नीतेश अपने यहां पर इनामी बदमाशों को पनाह देता था और कुछ अपराधियों को शक था कि वह मुखबिरी भी करता होगा। नीतेश के एक नहीं हजार दुश्मन थे वह पैसे के लिए किसी से भी दुश्मनी करने से नहीं डरता था इसलिए किसने उससे दुश्मनी निकाली होगी। पुलिस के लिए यह खोजना बड़ी चुनौती बन गया है।
नीतेश पर कभी बाहुबली मुख्तार अंसारी के पांचू व बंशी को पनाह देने का आरोप लगा था। दोनों इनामी बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारे गये थे उस समय चर्चा थी कि दो बदमाश इसी के घर पर थे और पुलिस को खबर लग गयी थी। नितेश कितना शातिर था कि उसका मुख्तार गैंग व बृजेश सिंह गैंग से अच्छा संबंध था जबकि दोनों गैंग के लोग एक-दूसरे से दुश्मनी रखते थे। बृजेश सिंह के लिए ताजा खतरा बने एक लाख के इनामी बदमाश बीकेडी से भी नीतेश के संबध अच्छे थे और वह बीकेडी की पैरवी भी कर रहा था। इसके अतिरिक्त पूर्वांचल में तेजी से उभरते हुए बाहुबली से नितेश के रिश्ते खराब हो गये थे। यह वही बाहुबली है जिसका नाम बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सामने आया था।
बदमाशों को नहीं था पुलिस का खौफ, दो बार आकर मारी थी गोली
सीएम योगी आदित्यनाथ राज में बदमाश बैखोफ हो गये हैं। 30 सितम्बर की सुबह किसी काम से नीतेश तहसील गया था और जैसे ही वापस लौटने के लिए अपनी कार में बैठने जा रहा था कि पल्सर सवार दो बाइक आये और नीतेश पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। पहली बार गोली लगते ही नीतेश की मौत हो गयी थी इसके बाद बदमाश वहां से निकल कर थोड़ी दूर गये थे और फिर वापस आये। इसके बाद फिर से नीतेश को गोली मारी। इसके बाद हवा में फायरिंग करते हुए आराम से निकल गये।