scriptPWD के चीफ इंजीनियर के कक्ष में गोली मारने वाले ठेकेदार के सुसाइड नोट में हुआ सबसे बड़ा खुलासा | Contractor Awdesh Srivastava suicide note disclosed new mystery | Patrika News
वाराणसी

PWD के चीफ इंजीनियर के कक्ष में गोली मारने वाले ठेकेदार के सुसाइड नोट में हुआ सबसे बड़ा खुलासा

अधिकारियों पर लगाया कमिश्रखोरी का आरोप, बकाया नहीं देने पर खुद को मारनी पड़ी गोली

वाराणसीAug 28, 2019 / 04:05 pm

Devesh Singh

Contractor Awdesh Srivastava

Contractor Awdesh Srivastava

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी अधिकारी की कार्यप्रणाली नहीं सुधर रही है। विभागों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब वर्षों काम करने वाले ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव को गोली मार कर आत्महत्या करनी पड़ी है। ठेकेदार के सुसाइड नोट से बड़ा खुलासा हुआ है। ठेकेदार ने अधिकारियों पर कमिश्रखोरी का आरोप लगाते हुए करोड़ों रुपये भुगतान नहीं करने पर आत्महत्या की बात कही है। पुलिस ने अभी सुसाइड नोट की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पत्रिका भी अपने स्तर से इसे सुसाइड नोट की पुष्टि नहीं करता है।
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Suicide Note
ठेकेदार की मौत का कारण जिला महिला अस्पताल का नया भवन बना है। ठेकेदार की सफारी गाड़ी से सुसाइड नोट बरामद होने का दावा किया जा रहा है। सुसाइड नोट में लिखा है कि पीडब्ल्यूडी पर उनका साढ़े चार करोड़ रुपया बकाया था। बकाया भुगतान के लिए वह चार साल से विभाग के बड़े अधिकारी से लेकर जेई तक यहां पर चक्कर लगा रहे थे इसके बाद भी उनका भुगतान नहीं हो रहा था। बिजली विभाग के कुछ अधिकारी लगातार परेशान कर रहे थे। सुसाइड नोट के अनुसार वर्ष 2014-15 में कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल के 100 बेड मैटरनिटी वार्ड के लिए ई-टेंडरिंग के जरिए ठेका निकला था और अवधेश श्रीवास्तव को यह ठेका मिला था। आरोप है कि अधिकारियों ने अनुबंध को मूल दर से 20 फीसदी ज्यादा दर पर तय किया गया। काम होता गया था लेकिन भुगतान नहीं होता था इस तरह विभाग के उपर ठेकेदार का 14 करोड़ 50 लाख रुपये बकाया हो गया था। आर्थिक हालत जब बिगड़ जाते थे तो विभाग के लोग कभी सिक्योरिटी तो कभी मशीनरी के नाम पर कुछ भुगतान करते थे और अवधेश श्रीवास्तव से बिल फाम्र पर हस्ताक्षर कराये जाते थे। ऐसा करते हुए बकाया साढ़े चार करोड़ तक पहुंच गया था। लंबे समय से बकाये का भुगतान नहीं होने पर ठेकेदार परेशान हो गया था और विभाग के अधिकारियों पर बच्चों के नाम पर भुगतान करने की गुहार लगा चुका था।
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Suicide Note
IMAGE CREDIT: Patrika
सीएम योगी को भी धोखे में रख रहे थे अधिकारी
सुसाइड नोट की माने तो विभाग के कुछ अधिकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को भी धोखे में रख रहे थे। ठेकेदार ने आरोप लगाये कि विभागीय अनुबंध से ज्यादा का अनुबंध तय किया गया था बार-बार नक्शे और ड्राइंग को बदला गया। कमीशनखोरी के लिए दबाव बनाया गया। कार्य की प्रगति को सीएम योगी आदित्यनाथ के चाणक्य एप पर भी डाउनलोड नहीं किया गया। ठेकेदार को लगतार ब्लैक लिस्ट करने व जेल भेजने की धमकी देकर प्रताडि़त किया जाता रहा।
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Suicide Note
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चीफ इंजीनियर के कक्ष में पहुंचने के बाद मारी गोली
ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव बुधवार की सुबह चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कक्ष में पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो अपना नाम बताया और थोड़ी देर बाद गोली मार ली। जिस तरह से ठेकेदार के चार पहिया वाहन से सुसाइड नोट मिलने की बात बतायी जा रही है उससे अनुमान लग रहा है कि ठेकेदार आत्महत्या करने के इरादे से निकला था और कार में सुसाइड नोट छोड़ा था। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि ठेकेदार ने खुद गोली मारी है। मौके से लाइसेंसी रिवाल्वर व मिस कारतूस भी मिले हैं। जांच शुरू हो गयी है। गोली मारने के कारणों की जानकारी जांच के बाद ही मिल पायेगी। फिल्ड टीम ने मौके से जो साक्ष्य जुटाये हैं उसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जायेगा।
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मायावती व अखिलेश यादव ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में भी बोलती थी तूती
ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव मूल रुप से गाजीपुर के पहाड़पुर गांव निवासी थे और बनारस मे मीरपुर बसही स्थित विश्राथपुरी कॉलोनी में रहते थे। १५ साल से अधिक समय से ठेकेदारी कर रहे थे। मायावती व अखिलेश यादव की सरकार में भी उन्हें ठेका मिलता था सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में भी ऊंची पकड़ थी। इसके बाद भी ठेकेदार को आत्महत्या करनी पड़ी। मामला इतना बड़ा था कि खुद मौके पर कमिश्रर दीपक अग्रवाल, डीएम सुरेन्द्र सिंह व एसएसपी आनंद कुलकर्णी पहुंचे थे। जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों की जानकारी सामने आ पायेगी। यदि ठेकेदार का सुसाइड नोट सही पाया जाता है तो समझा जा सकता है कि विकास कार्य के नाम पर अधिकारियों की मनमानी जारी है। पेयजल में हुए भ्रष्टाचार में सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्त कार्रवाई के बाद भी स्थिति में परिवर्तन होता नहीं दिखायी दे रहा है।
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