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यूपी में भले ही सपा व बसपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ अमेठी व रायबरेली में प्रत्याशी नहीं उतराने की बात कही है लेकिन जब चुनाव प्रचार शुरू होग तो सभी दल एक-दूसरे पर हमला बोलने का मौका नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस को कमजोर समझ कर ही सपा व बसपा ने गठबंधन नहीं किया है जिसके चलते कांग्रेस दिखाना चाहती है कि वह कमजोर नहीं है। कांग्रेस यह भी जानती है कि उसे अधिक सीट नहीं मिली तो बसपा सुप्रीमो मायावती का पीएम पद पर दावा मजबूत हो जायेगा। बीजेपी ने भी यूपी में अपना दल व ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन किया है। ऐसे में कांग्रेस भी छोटे दलों से गठबंधन करती है तो उसे नुकसान की जगह फायदा ही होगा।
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