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बीजेपी के इस दांव से अखिलेश यादव व मायावती की भी परेशानी बढऩा तय है। बीजेपी के इस दांव का लिटमस टेस्ट यूपी की ११ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हो जायेगा। यूपी में अति पिछड़ी जातियों में शामिल राजभर, धीवर, कहार, केवट, मल्लाह, मांझी, मछुआ, गोडिय़ा, भर आदि जातियों को अब अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिलेगा। पहले इन जातियों के बड़े वोट बैंक पर सपा व बसपा का कब्जा होता था लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी के आने के बाद से इस वोट बैंक पर बीजेपी का कब्जा हो गया था। पूर्वांचल की बात की जाये तो कुल आबादी में इन जातियों को प्रतिशत 10 से अधिक है इन जातियों को अपने पाले में करने के लिए कई छोटे दल बने थे जिनका अब सफाया हो सकता है। बीजेपी का इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का लाभ मिलता है तो सपा व बसपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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