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वाराणसी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली बार दिये यह निर्देश, अधिकारियों की उड़ गयी नीद

अब योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों की बढ़ जायेगी परेशानी, जानिए क्या है कहानी

वाराणसीAug 23, 2019 / 11:59 am

Devesh Singh

CM Yogi Adityanath

CM Yogi Adityanath

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ अभी तक फटकार व चेतावनी के सहारे ही अधिकारियों पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे थे लेकिन अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस आये सीएम योगी के निर्देश के बाद से अधिकारियों की नीद उड़ गयी है। मुख्यमंत्री की बात से सभी को समझ आ गया है कि अब विकास कार्य में लापरवाही की तो बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यो की समीक्षा की है। बैठक में बनारस में हुए पेयजल आपूर्ति घोटाले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जबरदस्त सख्ती की है। सीएम ने कहा कि पेयजल योजना का बचा हुआ काम अब दोषी अधिकारियों के भत्तों से वसूली करके पूरा होगा। प्रदेश सरकार अब बचे हुए काम को पूरा करने के लिए धन नहीं देगी।
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सीएम योगी आदित्यनाथ उस समय नाराज हो गये। जब अभियंताओं ने कहा कि लोगों के घरों तक पेयजल पहुंचाने वाली योजना के बचे हुए कार्य का एस्टीमेट तैयार कराया जा रहा है। एस्टीमेट के अनुसार शासन से धन मिलते ही योजना पूरी की जायेगी। यह सुनते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन से अब कोई धनराशि जारी नहीं होगी। जल निगम के दोषी अधिकारी व अभियंताओं के वेतन व पेंशन से बचा हुआ काम पूरा कराया जायेगा। सीएम योगी के इस निर्देश को सुनते ही अधिकारी परेशान हो गये। उन्हें समझ आ गया कि अब योजना मे लेटलतीफी व भ्रष्टाचार करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
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सीएम योगी ने का कि जल निगम पर हुई कार्रवाई से सीख जाये, वर्ना आप पर भी चलेगा कार्रवाई का चाबुक
बनारस की खस्ताहाल सड़क, बिजली व्यवस्था, परियोजनाओं में देरी, गंदगी, सीवर सफाई आदि की खराब व्यवस्था पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तल्ख तेवर दिये हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि जल निगम के अधिकारियों पर जो कार्रवाई हुई है उससे सभी लोग सबक ले। यदि योजनाओं में लापरवाही व भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो शासन से कार्रवाई का चाबुक चलेगा। अधिकारियों के भत्तों से ही बजट की रिकवरी होगी। उन्हें जेल भी जाना होगा।
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जानिए क्या है जल निगम घोटाला
बनारस में 600 करोड़ की पेयजल आपूर्ति योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती व अखिलेश यादव के समय से चल रही योजना जब पूरी हुई तो बड़ा घोटाला सामने आया। घरों में पानी की सप्लाई के लिए एक दर्जन से अधिक पानी की टंकी बनायी गयी। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप तक बिछाने का दावा किया गया था लेकिन जब टंकी से पानी की आपूर्ति शुरू की गयी तो जगह-जगह से पाइप पट गयी। पानी के कारण सड़क धंसने लग गयी थी। इसके बाद ही योजना सवालों के घेरे में आयी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाते हुए योजना में हुई गड़बड़ी की जांच करायी। जांच रिपोर्ट में दोषी मिलने पर जल निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक ओर दो परियोजना प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। 17 इंजीनियरों को निलंबित किया गया। रिटायर हो चुके 13 इंजीनियर के पेंशन से भ्रष्ट्राचार की रकम वसूलने का आदेश दिया गया है।
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