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बनारस की खस्ताहाल सड़क, बिजली व्यवस्था, परियोजनाओं में देरी, गंदगी, सीवर सफाई आदि की खराब व्यवस्था पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तल्ख तेवर दिये हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि जल निगम के अधिकारियों पर जो कार्रवाई हुई है उससे सभी लोग सबक ले। यदि योजनाओं में लापरवाही व भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो शासन से कार्रवाई का चाबुक चलेगा। अधिकारियों के भत्तों से ही बजट की रिकवरी होगी। उन्हें जेल भी जाना होगा।
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बनारस में 600 करोड़ की पेयजल आपूर्ति योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी थी। बसपा सुप्रीमो मायावती व अखिलेश यादव के समय से चल रही योजना जब पूरी हुई तो बड़ा घोटाला सामने आया। घरों में पानी की सप्लाई के लिए एक दर्जन से अधिक पानी की टंकी बनायी गयी। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप तक बिछाने का दावा किया गया था लेकिन जब टंकी से पानी की आपूर्ति शुरू की गयी तो जगह-जगह से पाइप पट गयी। पानी के कारण सड़क धंसने लग गयी थी। इसके बाद ही योजना सवालों के घेरे में आयी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाते हुए योजना में हुई गड़बड़ी की जांच करायी। जांच रिपोर्ट में दोषी मिलने पर जल निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक ओर दो परियोजना प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। 17 इंजीनियरों को निलंबित किया गया। रिटायर हो चुके 13 इंजीनियर के पेंशन से भ्रष्ट्राचार की रकम वसूलने का आदेश दिया गया है।
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