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कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष सेंटर का निर्माण
पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ जापान के पीएम शिंजो आबे भी बनारस आये थे और बनारस को कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष की सौगात दी थी। 1200 लोगों के एक साथ रुकने की व्यवस्था वाले इस सेंटर की लागत सैकड़ों करोड़ रुपये हैं, जिसमे जापान का अनुदान 130 करोड़ रुपये है। इस साल तक सेंटर बन जाना था लेकिन अभी तक ढांचा तक खड़ा नहीं हो पाया।
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काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की प्रगति भी बहुत धीमी है। इसे पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। कॉरीडोर के लिए काफी मकानों का अधिकग्रहण करके उन्हें तोड़ा जा चुका है लेकिन अभी तक कैबिनेट से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली है। लोकसभा चुनाव 2019 की अधिसूचना लगने से एक दिन पहले खुद पीएम मोदी ने इस योजना का शिलान्यास किया था और कहा था कि वर्ष २०१४ में अखिलेश यादव की जगह बीजेपी की यूपी में सरकार होती तो आज इस योजना का लोकार्पण हो चुका होता।
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पीएम नरेन्द्र मोदी की पहल पर ही बनारस को अन्य जिलों से जोडऩ के लिए रिंग रोड व फोरलेन का काम तेज हुआ था लेकिन रिंग रोड फेज टू की बात की जाये तो योजना पिछड़ चुकी है। योजना के तहत हरहुआ से राजातालाब तक रोड बनना है और गाजीपुर रोड से बरियासनपुर गांव से चंदौली तक काम होना है लेकिन अभी तक योजना किसानों को मुआवजा बांटने तक ही सीमित है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीएचयू में दो सौ करोड़ की लागत से बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की नींव 22 दिसम्बर 2016 को रखी थी। 2019 तक अस्पताल का निर्माण पूरा होना था। मियाद खत्म होने तीन माह बचा है और अभी तक निर्माण पूरा नहीं हो पाया।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई योजना चलायी है इसके बाद भी स्मार्ट सिटी की रेस में बनारस पिछड़ गया है। शहर की खस्ताहाल सड़के, सीवर समस्या, ट्रैफिक जाम, अघोषित बिजली कटौती आदि ऐसी समस्या है जो शहर को स्मार्ट सिटी नहीं बनने दे रही है। शहर की सीवर समस्या को लेकर जिला प्रशासन कितना गंभीर है वह वर्षो से शाही नाला की सफाई तक नहीं करा पा रहा है।
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