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प्रमुख सचिव मनोज कुमार के सवाल का अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। प्रमुख सचिव ने पूछा कि सीवर सड़क पर क्यों बह रहा है और पानी के लिए लोगों को क्यों धरना देना पड़ रहा है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम नयी एजेंसी को देने में देरी क्यों हो रही है। प्रमुख सचिव के इन प्रश्रों का अधिकारियों के पास जवाब नहीं था। इसके बाद प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी है। बताते चले कि पिछले एक साल से बनारस की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गयी है। जिस शहर में दिन व रात में सफाई होती थी वहां अब जगह-जगह पर कूड़ा फेका रहता है। नगर निगम के पास पहले से अधिक संसाधन हो गये हैं इसके बाद भी अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली से बनारस के स्मार्ट सिटी बनने का सपना टूट रहा है।
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