देश भर में सीएए का विरोध को देखते हुए प्रदेश में धारा 144 लागू की गयी थी। दुधमुंही बेटी चंपक के माता-पिता एकता व रवि भी इसी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने के आरोप में रवि व एकता समेत दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद से जेल में बंद सारे आरोपी जमानत लेने के प्रयास में थे और कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत दी है। माता-पिता के जेल जाने से दुधमुंही बेटी काफी परेशान हो गयी थी। परिवार के लोगों को बच्ची को संभालना कठिन हो गया था। परिजनों ने रिहाई के लिए धरना भी दिया था और पीएम नरेन्द्र मोदी के रविन्द्रपुरी स्थित संसदीय कार्यालय में ज्ञापन भी सौपा था। इसी बीच जिला जेल की बैरक सात बी में बंद एकता ने एक मुलाकाती के जरिए घर पर पत्र भी भेजा था जिसमे कहा था कि गिरफ्तारी के समय उन्होंने पुलिस के सामने सवा साल की बेटी का हवाला दिया था लेकिन पुलिस ने नहीं सुनी। एकता का कहना है कि अपनी बेटी के लिए वह रोजना रोती थी। जेल में पता चला कि 30दिसम्बर को बेटी एक समाचार चैनल में रात नौ बजे दिखायी देगी। आरोप लगाया कि कारागार प्रशासन से टीवी देखने की इच्छा जाहिर की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
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