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सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ कहे जाने वाली गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी। अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद ने इस सीट पर चुनाव जीता था। इसके बाद बीजेपी ने निषाद पार्टी को अपने पाले में कर लिया है। गोरखपुर सीट पर प्रत्याशी का चयन सीएम योगी आदित्यनाथ की सहमति से होना है ऐसे में प्रवीण निषाद को टिकट मिलता है या फिर अन्य किसी नेता को चुनाव लड़ाया जाता है इस पर बीजेपी निर्णय नहीं कर पा रही है।
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देवरिया से बीजेपी के कद्दावर नेता कलराज मिश्रा का लोकसभा चुनाव 2019 नहीं लडऩे का ऐलान किया है जिसके बाद से बीजेपी लगातार जीताऊ प्रत्याशी खोज रही है। कलराज मिश्रा को ब्राह्मणों का बड़ा नेता माना जाता है ऐसे में बीजेपी अन्य किसी जाति के नेता को इस सीट से टिकट देकर ब्राह्मणों को नाराज नहीं कर सकती है। ऐसे में बीजेपी दमदार ब्राह्मण नेता खोज रही है जो कद्दावर नेता कलराज मिश्रा की जगह ले सके।
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प्रतापगढ़, जौनपुर व भदोही की संसदीय सीट बाहुबलियों के फेर में फंसी है। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पहले अनुप्रिया पटेल के अपना दल के खाते में थी लेकिन इस बार यह सीट बीजेपी के खाते में आयी है। अपना दल को प्रतापगढ़ की जगह राबर्ट्सगंज सीट दी गयी है। राजनीतिक जगत में इस बात की चर्चा रहती है कि इस सीट पर बाहुबली राजा भैया के प्रत्याशी को बीजेपी समर्थन दे सकती है। ऐसे में बीजेपी इस सीट को लेकर कोई निर्णय नहीं करती है तब तक अटकलो को बाजार गरम रहेगा। इसी तरह जौनपुर संसदीय सीट फंसी है। कभी इस सीट पर निषाद पार्टी के टिकट पर बाहुबली धनंजय सिंह के चुनाव लडऩे की चर्चा होती है तो कभी अन्य प्रत्याशी उतारने की बात होती है। ऐसे में बीजेपी जब तक इस सीट पर प्रत्याशी का ऐलान नहीं करती है तब तक स्थिति साफ नहीं होगी। भदोही से बीजेपी सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त को बलिया सीट का टिकट दिया गया है। इस सीट पर बाहुबली विजय मिश्रा के चुनाव लडऩे की चर्चा है। इस सीट पर भी बीजेपी ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
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घोसी, अम्बेडकरनगर, व संत कबीरनगर से किसे चुनाव लड़ाना है यह बीजेपी तय नहीं कर पा रही है। घोसी सीट को बीजेपी के सहयोगी दल ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा को देने की चर्चा रहती है। संत कबीरनगर के सांसद व विधायक के बीच हुई मारपीट के बाद बीजेपी की स्थिति और खराब हो गयी है। बीजेपी को समझ नहीं आ रहा है कि इन सीटों पर किसी चुनाव लड़ाया जाये। अब देखना है कि महागठबंधन के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस को चुनावी पटखनी देने का सपना देख रही बीजेपी को कब इन सीटों पर प्रत्याशी मिलते हैं।
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