वाराणसी. अपराध जगत से यूपी की राजनीति में एक और बाहुबली के कदम रखने से इस बार विधानसभा चुनाव कुछ ज्यादा ही रोचक होने वाला है। प्रदेश की राजनीति में बाहुबलियों को लेकर हो रही उठा-पटक के बीच एक और बाहुबली माफिया के चुनावी जंग में कूदने की आहट मिलने लगी है।
इन दिनों मिर्ज़ापुर जेल में बंद माफिया डान बृजेश सिंह के दाहिने हाथ माने जा ने वाले त्रिभुवन सिंह इस बार गाजीपुर के क्षत्रिय बहुल जंगीपुर विधान सभा सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो इस बार चुनावी राजनितिक पारी की शुरुआत गाजीपुर से करने जा रहे त्रिभुवन सिंह अगर किसी पार्टी से बात नहीं बनी तो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी मैदान में उतर सकते हैं।
फिलहाल त्रिभुवन सिंह के समर्थक चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। माफिया डॉन त्रिभुवन सिह भी जल्द ही अपने चुनावी पारी की घोषणा कर सकते हैं। यूपी की सियासत में यह कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी अपराध जगत के दिग्गज राजनीति की राह पकड़ चुके हैं। बता दें कि हाल ही में जंगीपुर में उपचुनाव भी हुए थे। इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा से किस्मनती देवी ने जीत का परचम लहराया था।
पांच लाख का था इनाम
पांच लाख का इनामी अपराधी त्रिभुवन सिंह की तलाश यूपी, एमपी और महाराष्ट्र पुलिस को बीस सालों से थी। इसके लिए पुलिस ने त्रिभुवन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर यूपी पुलिस ने 5 लाख का इनाम रखा था। लेकिन इस मोस्टवांटेड ने खुद ही एसटीएफ के दफ्तर में पहुंचकर सरेंडर कर सबको चौका दिया।
जंगी इलाके में अभी से समर्थक भ्रमण कर जनसम्पर्क कर रहे हैं। समर्थकों का कहना है की चुनावी मैदान में टिकट के लिए कई पार्टिया संपर्क में है। अगर सियासी संकेतो की बात की जाय तो भाजपा विधायक सुशील सिंह का मिर्ज़ापुर जेल में त्रिभुवन सिंह से मिलना बड़ा राजनैतिक संकेत दे रहा है । फिलहाल वाराणसी में 2009 में हुए लंका कांड में 19 अक्टूबर 2016 को कोर्ट के आये फैसले से भी त्रिभुवन सिंह और उनके समर्थको का उत्साह बढ़ा हुआ है कोर्ट ने त्रिभुवन सिंह को लंका कांड में बाइज्जत बरी कर दिया है जिसको लेकर त्रिभुवन सिंह के समर्थकों ने खुशी में जेल के सामने पटाखे फोड़ कर जश्न भी मनाया था।
दो बाहुबली का सामना
फिलहाल गाजीपुर और पूर्वांचल की राजनीति में त्रिभुवन सिंह के आने से समीकरण बदलते हुए दिख रहा है क्यों की कई विधान सभा चुनावो में गाजीपुर में माफिया डान मुख़्तार अंसारी का अपना प्रभाव रहा है। पिछले कई सालों से बृजेश सिंह और मुख़्तार अंसारी के बीच अदावत जग जाहिर है त्रिभुवन सिंह के चुनावी मैदान में आने के बाद एक बार फिर पूर्वांचल में सियासी जमीन पर पकड़ बनाने की दोनों गुटो में प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी ।
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