इसके लिए सावन के दूसरे सोमवार से दर्शनार्थियों को भीड़ से बचाने के लिए एक लाइन लगाई जाएगी और धाम की क्षमता के अनुसार ही बैरिकेडिंग कर भक्तों को धाम में प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ के स्वरूप का हुआ था श्रृंगार
वहीं, श्रावण मास के प्रथम सोमवार को बाबा विश्वनाथ के स्वरूप का श्रृंगार हुआ था। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्रावण मास के दूसरे सोमवार को देवाधिदेव महादेव के गौरी शंकर (शंकर पार्वती) स्वरूप का श्रृंगार होगा। श्री विश्वेश्वर के भक्त बाबा के इस विशेष स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे। सावन के दूसरे सोमवार को सभी प्रवेश मार्गों से कतार व्यवस्था को एकीकृत करते हुए सिंगल लाइन की व्यवस्था रखी गई है, जिससे दर्शनार्थियों को लाइन व्यवस्था में भीड़ का सामना न करना पड़े। प्रत्येक 50 मीटर पर लाइन व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए बैरियर लगाया गया है। चौथे सोमवार को होगा रुद्राक्ष श्रृंगार
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त (तीसरा सोमवार) को अर्धनारीश्वर श्रृंगार, 12 अगस्त (चौथा सोमवार) को रुद्राक्ष श्रृंगार और 19 अगस्त (पांचवा सोमवार) को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार होगा। धाम में लगे बैरिकेडिंग की क्षमता के अनुसार ही दर्शनार्थियों को छोड़ा जाएगा। सावन के पहले सोमवार की भांति दूसरे सोमवार को भी नंदूफेरिया, सिल्को गली, ढुंढिराज गणेश, ललिता घाट, सरस्वती फाटक प्रवेश मार्ग से श्रद्धालु बाबा के चौखट तक पहुंच पाएंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले सोमवार को बाबा के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने अधिकारियों को आस्था के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी विशेष जोर देने का निर्देश दिया था।